
ओमप्रकाश मिश्र
रांची. सड़कें अच्छी और समय पर बनें, लंबित सड़क परियोजनाओं का कार्य तेजी के साथ पूरा किया जाए। नई सड़कों के निर्माण में उसकी उपयोगिता का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज पथ निर्माण विभाग की बैठक करते हुए अधिकारियों को ये निर्देश दिए। इस मौके पर उन्होंने विभिन्न सड़क परियोजनाओं की प्रगति, नई सड़क निर्माण से संबंधित कार्य योजनाओं और राजस्व संग्रह की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि माइन्स एऱिया में सड़क बनाने की दिशा में कार्य योजना बनाएं। ऐसी सड़कों के निर्माण में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि ये घनी आबादी अथवा गांवों को ज्यादा प्रभावित नहीं करे, इस मौके पर विभाग की ओऱ से बताया गया कि राज्य में कुछ सड़कों पर टोल प्लाजा प्रस्तावित है। यहां मालवाहक वाहनों से टोल टैक्स लिया जाएगा। इस बाबत 4856 किलोमीटर लंबी 425 सड़कों का सर्वे किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि टोल प्लाजा के लिए सड़कों का चयन इस तरह किया जाए कि उसका आम जनता पर बोझ नहीं पड़े। इसके अलावा ऐसी सड़कों की गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए तथा यहां से कितना राजस्व प्राप्त हो सकता है, इसका भी बारीकी से आकलन किया जाए।
इंडस्ट्रियल कोरिडोर विकसित करने की काफी संभावनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोविंदपुर-जामताड़ा-दुमका-साहेबगंज रोड पर इंडस्ट्रियल कोरिडोर विकसित करने की काफी संभावनाएं है। इस रोड में कुछ इलाकों का चयन कर उसे वेयर हाउस, लॉजिस्टिक सेंटर अथवा इंडस्ट्रीज को विकसित करने के लिए कार्य योजना बनाएं। उन्होंने कहा कि इससे यह सड़क संताल परगना एऱिया का लाइफलाइन बन सकता है। सड़क निर्माण कार्य में भू-अधिग्रहण से संबंधित समस्यओं के निराकरण के मामले में सोरेन ने कहा कि सड़क परियोजनाओं के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस और भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं का यथाशीघ्र निराकरण हो। उन्होंने विभाग से कहा कि इस बाबत हर 15 दिन पर भू-अधिग्रहण से जुड़े मामलों की समीक्षा हो औऱ इसके लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय बनाएं।
नक्सल गतिविधियों में भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी
इसके अलावा जंगल क्षेत्रों में सड़कों को बेहतर बनाए जाने पर जोर देकर उन्होंने कहा कि वन जंगल क्षेत्रों में सड़कों के चौड़ीकऱण को लेकर भूमि अधिग्रहण में काफी तकनीकी अड़चनें आती हैं। ऐसे में यहां सिंगल लेन की जो भी सड़कें हैं, उसकी उपयोगिता का आकलन करें। इसके उपरांत प्राथमिकता के आधार पर इन सड़कों का चौड़ीकऱण अथवा वर्तमान में जो सड़क मौजूद है, उसे ही कालीकऱण और बेहतर बनाये जाने की पहल हो, ताकि आवागमन में लोगों को कठिनाई नहीं हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों और माइन्स एरिया के आसपास हेलीपैड बनाने की दिशा में भी योजना बनाएं। इससे नक्सल गतिविधियों में भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
डीपीआर भेजने की प्रक्रिया शुरू
विभाग की ओर से बताया गया कि राज्य में पिछले चार सालों में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए कुल 612.65 किलोमीटर सड़क योजना को स्वीकृति मिली है। वहीं केंद्र सरकार को 30 जून 2021 तक 184.23 किलोमीटर, 15 जुलाई 2021 तक 307.18 किलोमीटर और 31 जुलाई 2021 तक 180 किलोमीटर सड़क योजना का डीपीआर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इन सड़क योजनाओं का करीब 3160 करोड़ रुपए का बजट है। वहीं राज्य पथ निर्माण विभाग के तहत 17 सड़क परियोजनाओं को स्वीकृति के लिए भेजा गया है और 10 परियोजनाओं पर स्टेट इंपावर्ड कमिटी के स्तर पर निर्णय़ लिया जाना है।