ओमप्रकाश मिश्र
रांची. झारखंड (Jharkhand) मेरे लिए नया अवश्य है, पर थोड़े समय के बाद मैं इस राज्य के राजनितिक सरोकार से पूरी तरह वाकिफ हो जाऊंगा। झारखंड के विकास के लिए जब भी कोई दिशा निर्देश की जरुरत पड़ेगी मै हर निर्देश पर खरा उतरने का पूर्ण प्रयास करूँगा। झारखंड के नव नियुक्त राज्यपाल रमेश बैस ने नवभारत से एक विशेष मुलाकात के दौरान ये बातें कहीं,
राज्यपाल रमेश बैस ने नवभारत के रायपुर संस्करण पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि नवभारत एक रोचक और पठनीय अखबार है। और नवभारत से मेरे अच्छे ताल्लुकात रहे हैं। उन्होंने नवभारत के प्रति अपनी उदारता दिखाते हुए कहा कि इसका विस्तार झारखंड में भी होता तो बेहतर होता।
झारखंड की भौगोलिक संरचना बहुत रमणीय है पर यहाँ की राजनीति में बहुत ही उथल-पुथल रही है। चाहे वो राजनितिक सरोकार हो या विश्वविद्यालयीन हस्तक्षेप, दोनों की परिस्थितियां वर्तमान में प्रतिकूल है। ऐसे में राज्यपाल को कई मोर्चों पर निर्णायक दक्षता के निर्वहन की जरुरत पड़ेगी। गौरतलब है की झारखंड में अभी तक 12वें मंत्री का पद खाली है और इसपर सोरेन सरकार को समर्थन देने वाली पार्टियों की नजरें टिकी है। यही नहीं बल्कि हालिया सरकार गिराने की राजनीति की सियासत भी गर्म है। इसी तरह विश्वविद्यालय में घोर अनियमितता के बादल छाये हुए हैं। जिसपर राज्यपाल को ही निर्णय लेना है।
रांची विश्वविद्यालय की अनियमितता और घोटाले पर राज्यपाल द्वारा नीतिगत निर्णय लिए गए तो कई प्रोफेसर बेनकाब होंगे पूर्व कुलपति को भी न्याय के कठघरे में खड़ा होना पड़ेगा। राज्यपाल ने झारखंड के मिडिया से रूबरू होने के लिए थोड़े समय की जरुरत पर बल दिया। उन्होंने नवभारत मीडिया और इसके सभी कर्मियों के प्रति अपनी उदारता जाहिर की।