ओमप्रकाश मिश्र
रांची. मुख्यमंत्री (Chief Minister) हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने राजस्व (Revenue), निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग (Land Reforms Department) की आज समीक्षा की। इसके तहत जमीन के दाखिल खारिज के लंबित मामले, भूमि सीमांकन के मामले, राजस्व पदाधिकारियों के न्यायालय में लंबित मामले, भू अर्जन के लिए मुआवजा की स्थिति और विभिन्न विभागों को जमीन हस्तांतरण से जुड़े मामलों की समीक्षा की गई ।
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उपायुक्त, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी और अन्य राजस्व पदाधिकारियों के ई कोर्ट की रेगुलर मीटिंग की जाए। साथ ही न्यायालय में लंबित मामलों का लिस्ट तैयार करें और प्राथमिकता के आधार पर उसका निष्पादन करें ।
ई कोर्ट की मॉनिटरिंग हो
इस मौके पर विभाग के अपर मुख्य सचिव एल खियांगते ने भी न्यायलय में लंबित पड़े मामलों का हवाला देते हुए कहा कि राजस्व अधिकारियों के न्यायालयों में मामलों की लगातार सुनवाई नहीं हो रही है और और ना ही लंबित मामलों का निष्पादन हो रहा है । यह काफी चिंता का विषय है । न्यायालयों में लंबित मामलों का खामियाजा राज्य की जनता को झेलना पड़ रहा है ।
बैंकों में मुआवजे की लगभग बारह सौ करोड़ रुपए पड़े हुए हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना अनापत्ति वाले दाखिल कार्य के मामलों का ड्राइव चलाकर निष्पादन किया जाए। इस मौके पर विभाग के अपर सचिव ने उद्योगों के लिए भूमि बैंक बनाने के लिए उठाए गए कदमों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि भू अर्जन से संबंधित मामलों में भी मुआवजे का वितरण सही तरीके से होना सुनिश्चित करें । बैंकों में मुआवजे की लगभग 12 सौ करोड़ रुपए पड़े हुए हैं । भूमि अधिग्रहण नहीं होने से कई बड़े परियोजनाओं को चालू करने में अड़चने आ रही हैं। सभी जिले के उपायुक्त भू अर्जन से जुड़े मामलों में लाभार्थियों के बीच मुआवजा का वितरण करने के लिए तेजी से कदम उठाएं।