त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देव ने दिया इस्तीफा, कहा- संगठन में करूँगा काम

    Loading

    अगरतला: त्रिपुरा (Tripura) के मुख्यमंत्री बिप्लब देव (Biplab Dev) ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य (Satyadev Narayan Arya) को सौंप दिया है। राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए देव ने कहा कि, “उन्होंने संगठन को मजबूती के लिए अपना इस्तीफा दिया है।” गुजरात, उत्तराखंड और के बाद त्रिपुरा चौथा राज्य है जहां चुनाव के पहले भाजपा ने मुख्यमंत्री को बदला है। 

    कल ही थी गृहमंत्री से मुलाकात 

    देव ने कल ही दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। वहीं इस्तीफा देने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, “पार्टी आलाकमान ने मुझे पद छोड़ने के लिए कहा था, इसलिए मैंने इस्तीफा दिया है। अगले साल चुनाव होने वाले हैं। पार्टी को जीत दिलाने और संगठन को मजबूत करने के लिए मैं काम करूँगा। आगे पार्टी जो काम देगी उसे एक सामान्य कार्यकर्ता के नाते पूरा करूंगा।

    शाम पांच बजे विधायक दल की बैठक 

    विप्लव के इस्तीफा देने के बाद अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है। इसी के मद्देनजर शाम आज रात आठ बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम तय किया जाएगा। वहीं इस रेस में तीन नेताओं के नाम चल रहे हैं। जिसमें प्रतिमा भौमिक, जिष्णु देव वर्मा और माणिक साहा हैं। वहीं पर्यवक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और पार्टी महासचिव विनोद तावड़े अगरतला पहुंच चुके हैं।

    कई विधायक थे नाराज 

    पिछले कई सालो से पार्टी के कई नेता मुख्यमंत्री बिप्लब देव से नाराज चल रहे हैं। इसको लेकर कई नेताओं और विधायकों ने केंद्रीय आलाकमान से इसकी शिकायत भी की थी। हालांकि, तब आलाकामन ने इसमें हस्तछेप करने से इनकार कर दिया था। लेकिन आगमी चुनाव को देखते हुए इस बार पार्टी ने अपना चाबुक चला दिया।

    दो दशक के वाम शासन को हराया 

    भाजपा ने 2018 के चुनाव में पिछले दो दशक से काबिज माणिक सरकार के नेतृत्व वाली वाम सरकार को हराकर भाजपा सत्ता में पहुंची थी। भाजपा ने राज्य की 60 सीटों मे से 36 सीट और सहयोगी इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की थी। जिसके बाद बिप्लब देव के नेतृत्व में भाजपा ने पहली बार राज्य में सरकार बनाई।