भोपाल: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा ने शिवराज शिंह चौहान मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर चौथी बार शपथ लेने वाले हैं. मिली जानकारी के अनुसार सोमवार रात नौ बजे राजभवन में एक साधे से कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की शपथ लेगे. जिसकी जानकरी राजभवन को दी जा चुकी हैं.
गौरतलब है कि, कांग्रेस के 22 विधायको के इस्तीफे देने के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आगई थी. जिसके बाद 20 मार्च को कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री की रेस में शिवराज सबसे आगे चल रहे थे. 2018 में हुआ विधानसभा चुनाव शिवराज सिंह के नाम पर ही लड़ा गया था.
आलाकमान ने लगाई मुहर
कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद भाजपा आलाकमान ने मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए कई नामों पर चर्चा की, जिसमे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल शामिल थे. लेकिन विधानसभा के अंदर मौजूदा स्तिथि को देखते हुए शिवराज सिंह चौहान के नाम पर मुहर लगा दी.
सोमवार को चुना जाएगा विधायक दल का नेता
इसके पहले सोमवार शाम को भाजपा विधायक दल की बैठक हैं जिसमे औपचारिक तौर पर शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना जाएगा. जिसके बाद सभी लोग राज भवन जाकर राज्यपाल लालाजी टंडन के पास सरकार बनाने का दावा पेश करेगे. उसकेतुरन बाद शिवराज को गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी.
पहली बार कोई बनेगा चौथी बार मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान के शपथ लेने बाद प्रदेश के इतिहास में पहला मौका होगा, जब कोई चौथी पार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेगा. इसके पहले विद्याचरण शुक्ल और अर्जुन सिंह ही तीन-तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं. बतादें की शिवराज 2005 से लेकर 2018 तक मुख्यमंत्री रहे हैं.
उपचुनाव में जितने होगे नौ सीट
मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद शिवराज सिंह चौहान को विधानसभा के अंदर बहुमत साबित करना होगा. अभी तक हुए घटना क्रम को देखते हुए इसमें ज्यादा मुश्किल नहीं होंगी. सरकार बनाने के बाद छह महीने के अंदर खाली हुए 24 विधानसभा सीटो पर चुनाव कराना होगा. जिसमे बहुमत पाने के लिए भाजपा को नौ सीट जितना ही होगा.