यूपी में बनेगा हाथियों का नया अभ्यारण, तराई क्षेत्र के जंगल होंगे शामिल

    Loading

    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश में एक नया हाथी अभ्यारण दुधवा टाइटर रिजर्व और आसपास के हिस्सों को जोड़ कर बनाया जाएगा. तराई एलीफैंट रिजर्व (टीईआर) के नाम से इसे जाना जाएगा और इसमें नेपाल की सीमा से सटे बड़े वन क्षेत्र को शामिल किया जाएगा.

    केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश में हाथी रिजर्व पार्क बनाने के प्रस्ताव को मंजूदी दे दी है. इसके बाद अब प्रदेश के इकलौते नेशनल पार्क दुधवा डाइगर रिजर्व के साथ ही तराई एलिफैंट रिजर्व भी अस्तित्व में आ जाएगा. इस प्रस्तावित हाथी रिजर्व पार्क में दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व के तराई इलाके को शामिल किया जाएगा. नए हाथी अभयारण्य में पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर), दुधवा नेशन पार्क (डीएनपी), किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य (केडब्ल्यूएस), कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य (केजीडब्ल्यूएस), दुधवा बफर जोन और दक्षिण खीरी वन प्रभाग की गोला, मोहम्मदी वनरेंज का हिस्सा शामिल होंगे. इस हफ्ते केंद्र सरकार ने प्रस्तावित तराई हाथी अभ्यारण्य को मंजूरी दी है.

    गौरतलब है कि बीते एक दशक से उत्तर प्रदेश के कतरानियाघाट रिजर्व फारेस्ट में नेपाल के रायल वर्दिया नेशनल पार्क से हाथियों की आमद हो रही है. शुरुआती दिनों में शिकारियों से बचने और भोजन की तलाश में आने वाले इन जंगली हाथियों नें अब उत्तर प्रदेश के जंगलों को अपना रहवास बना लिया है. वर्तमान में अकेले कतरानियाघाट रिजर्व फारेस्ट में दो दर्जन से ज्यादा हाथी मौजूद हैं. दुधवा में हाथियों की मौजूदगी पहले से ही थी जो अब लगातार बढ़ रही है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दुधवा, कतरानियाघाट, किशनपुर और आसपास के तराई इलाके हाथियों के रहने के लिए मुफीद हैं. यहां भरपूर मात्रा में पानी के साथ ही घास के मैदान भी हैं.

    केंद्र सरकार को भेजे गए तराई एलिफैंट रिजर्व के प्रस्ताव के मुताबिक इसमें 3049.39 वर्ग किलोमीटर का एरिया शामिल किया गया है. एलीफैंट  रिजर्व में दुधवा टाइगर रिजर्व का 2200 वर्ग किलोमीटर,बफरजोंन का 3700 वर्गकिलोमीटर, दक्षिण खीरी का 144 वर्ग किलोमीटर का एरिया शामिल किया गया है. इसके लिए प्रस्ताव का मसौदा दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) के अधिकारियों ने इस साल अप्रैल में तैयार किया था और इसी महीने प्रस्ताव केंद्रीय मंत्रालय को भेजा गया था. टीईआर देश में 33 वां और उत्तर प्रदेश में दूसरा होगा. 

    उत्तर प्रदेश में पहला हाथी रिजर्व सहारनपुर और बिजनौर जिलों के शिवालिक में 2009 में अधिसूचित किया गया था. टीईआर के अस्तित्व में आने के साथ, दुधवा टाइगर रिजर्व (डीटीआर) चार प्रतिष्ठित जंगली प्रजातियों बाघ, एक सींग वाले गैंडे, एशियाई हाथी और दलदली हिरण की रक्षा और संरक्षण के लिए जाना जाएगा.