लखनऊ. समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मंगलवार को वाराणसी के जिलाधिकारी (डीएम) (Varanasi District Magistrate) कौशल राज शर्मा (Kaushal Raj Sharma) पर स्थानीय उम्मीदवारों को कोई जानकारी दिए बिना इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) (EVM) ले जाने का आरोप लगाया। उन्होंने भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) (Election Commission of India) को इस मुद्दे पर गौर करने के लिए कहा।
सतर्क रहने की जरूरत
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाते हुए कहा कि, “वाराणसी के डीएम स्थानीय उम्मीदवारों को कोई जानकारी दिए बिना ईवीएम ले जा रहे हैं। चुनाव आयोग को इस पर गौर करना चाहिए।” उन्होंने कहा, “अगर ईवीएम को इस तरह से ले जाया जा रहा है तो हमें सतर्क रहने की जरूरत है। यह चोरी है। हमें अपने वोट बचाने की जरूरत है। हम इसके खिलाफ अदालत जा सकते हैं लेकिन इससे पहले मैं लोगों से लोकतंत्र को बचाने की अपील करना चाहता हूं।”
Samajwadi Chief Akhilesh Yadav alleges, "Varanasi DM is transporting EVMs without giving any information to local candidates. EC should look into it." pic.twitter.com/CUmRPijB1j
— ANI (@ANI) March 8, 2022
EVM से छेड़छाड़ कर रहे अधिकारी
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश ने कहा कि, समाजवादी पार्टी अयोध्या जीत रही है इसलिए बीजेपी डरी हुई है। उन्होंने यह भी दावा किया है कि चुनाव आयोग के अधिकारी EVM से छेड़छाड़ कर रहे हैं।
एग्जिट पोल में भाजपा जीत रही चुनाव
इससे पहले सोमवार को कई एग्जिट पोल में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगियों की जीत की भविष्यवाणी की गई है। इस पर अखिलेश ने कहा कि, “एग्जिट पोल केवल यह धारणा बनाना चाहते हैं कि भाजपा जीत रही है।”
एग्जिट पोल मानसिक दबाव बनाने का तरीका
वहीं, अखिलेश के सहयोगी, राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी का मानना भी कुछ ऐसा ही है। उन्होंने ने कहा कि, “जब तक ईवीएम खोले नहीं जाते, कोई भी परिणाम नहीं जान सकता। एग्जिट पोल की एक प्रक्रिया होती है। मतदान केंद्रों पर कोई एक्जिट पोल व्यक्ति नहीं देखा गया। मुझे नहीं पता कि उन्हें डेटा कहां से मिला। यह एक दृष्टिकोण है। और मैं इससे सहमत नहीं हूं। यह मानसिक दबाव बनाने का एक तरीका है।”