Ajay Mathur

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    • ई-कॉमर्स ने करेंसी नोटों पर निर्भरता कम करके अर्थव्यवस्था में क्रांति ला दी है
    • ई-कॉमर्स से मिली है पेपरलेस, कैशलेस लेनदेन की सुविधा
    • उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में राजभाषा प्रतियोगिताओं का आयोजन

    प्रयागराज. महाप्रबंधक प्रमोद कुमार के निर्देशानुसार और मुख्‍य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान वित्त सलाहकार/ उत्तर मध्य  रेलवे अजय माथुर के मार्गदर्शन में महाप्रबंधक कार्यालय सहित पूरे उत्‍तर मध्‍य रेलवे में आयोजित राजभाषा पखवाड़ा और राजभाषा सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस क्रम में महाप्रबंधक कार्यालय में आयोजित हिंदी टिप्‍पण एवं प्रारूप लेखन, हिंदी निबंध, हिंदी टाइपिंग, हिंदी आशुलिपि तथा वाक् प्रतियोगिताओं में कर्मचारियों ने अत्‍यंत उत्‍साह के साथ भाग लिया।

    ‘देश में ई- कामर्स का विस्तार- अवसर और चुनौतियाँ’ विषय पर 21 सितंबर को आयोजित़ हिंदी वाक् प्रतियोगिता में प्रतिभागी कर्मचारियों ने देश में तेजी से बढ़ते हुए ई-कामर्स के संदर्भ में ई-कामर्स की घोषित और प्रच्छन्न नीतियों, प्रचार रणनीति, परंपरागत कारोबारी संरचना, रोजगार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर पड़ने वाले प्रभाव, इसके विस्तार से उत्पन्न अवसर और चुनौतियों आदि पहलुओं पर महत्वपूर्ण प्रकाश डाला।

    इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित मुख्‍य राजभाषा अधिकारी एवं प्रधान वित्‍त सलाहकार अजय माथुर ने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि देश में ई-कामर्स के विस्तार का एक प्रमुख उद्देश्य नकदी के उपयोग को कम करना है, ताकि हम सुरक्षित और निरापद लेन-देन कर सकें। बहुत से देशों में नकद का प्रयोग पूरी तरह समाप्त हो गया है। कोरोना जैसी महामारी के समय ई-कामर्स माध्‍यम का बहुत ही कारगर उपयोग किया गया है।

    माथुर ने बताया कि महामारी के दौरान भारतीय रेल ने विभिन्‍न वाउचरों और रसीदों का तकनीकी माध्‍यम के द्वारा सुरक्षित आदान-प्रदान किया गया। ई-कामर्स वस्‍तुत: हमारी प्रगति और विकास का सूचक है और उम्‍मीद है कि आने वाले समय में इसकी खामियों का निराकरणकर लिया जाएगा। निर्णायक के रूप में उपस्थित मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डॉ शिवम शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ई-कामर्स के प्रयोग-प्रसार में इसके तकनीकी और पारिभाषिक शब्‍दों का बहुत महत्‍वपूर्ण स्‍थान है और प्रत्‍येक व्‍यक्ति को इनकी भली-भाँति जानकारी होनी चाहिए।

    साइबर सुरक्षा ई-कामर्स से जुड़ा हुआ अत्‍यंत संवेदनशील पहलू है। कार्यक्रम में अपने उद्गार व्‍यक्‍त करते हुए प्रतियोगिता के दूसरे निर्णायक उप मुख्‍य राजभाषा अधिकारी एवं उप वित्त सलाहकार एवं मुख्य लेखाधिकारी/वित्त एवं बजट शैलेन्‍द्र  कुमार सिंह ने कहा कि ई-कामर्स दरअसल अब ई-साक्षरता का अंग बनता जा रहा है। वैश्विक महामारी जैसे संकटकाल में ई-कामर्स की उपादेयता और सार्थकता कई गुना बढ़ गई है। 

    इस प्रतियोगिता में कुमारी किशोरी, कार्यालय अधीक्षक, यांत्रिक विभाग को प्रथम स्‍थान, विकास प्रसाद, यातायात निरीक्षक, परिचालन विभाग को द्वितीय स्‍थान तथा एस.एम. नजमी, वरिष्‍ठ  सेक्‍शन इंजीनियर/टेली. को तृतीय स्‍थान प्राप्‍त हुआ। 

    उक्‍त प्रतियोगिता के पहले ‘खेलकूद में भारत को अग्रणी राष्ट्र बनाने के उपाय’ विषय पर हिंदी निबंध प्रतियोगिता तथा हिंदी टिप्‍पण एवं प्रारूप लेखन प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया। हिंदी टिप्‍पण एवं प्रारूप लेखन प्रतियोगिता में विकास प्रसाद, यातायात निरीक्षक, परिचालन विभाग को प्रथम स्‍थान, अभय कुमार सिन्हा, मुख्य कार्यालय अधीक्षक, वाणिज्य विभाग को द्वितीय स्‍थान तथा अनिरुद्ध कुमार शुक्ला, मुख्य सतर्कता निरीक्षक, सतर्कता विभाग को तृतीय स्‍थान प्राप्‍त हुआ। 

    हिंदी निबंध प्रतियोगिता मे राम प्रवेश साह, वरिष्ठ लिपिक/गोपनीय, सामान्य प्रशासन विभाग को प्रथम स्‍थान, विकास प्रसाद, यातायात निरीक्षक, परिचालन विभाग को द्वितीय स्‍थान और राधेश्याम वर्मा, सेक्शन इंजीनियर/आईटी को तृतीय स्‍थान प्राप्‍त हुआ। 

    हिंदी टाइपिंग प्रतियोगिता में वीरेन्द्र कुमार, वरिष्ठ अनुभाग अधिकारी, लेखा विभाग को प्रथम स्‍थान, शिल्पी झा, महिला काँस्टेबल को को द्वितीय स्‍थान और संतोष कुमार, अवर लेखा सहायक, लेखा विभाग को तृतीय स्‍थान प्राप्‍त हुआ। उपर्युक्त सभी कर्मचारियों को 29 सितंबर को आयोजित राजभाषा पखवाड़ा मुख्य समारोह में महाप्रबंधक प्रमोद कुमार द्वारा पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।