– राजेश मिश्र
लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) चुनाव (Election) को लेकर सजग आबकारी विभाग (Excise Department) ने अवैध शराब की तस्करी का केंद्र रहे दूसरे राज्यों से सटे जिलों और नेपाल बॉर्डर (Nepal Border) से जुड़े जिलों की कुल 31 चेकपोस्टों (Checkposts) को सीसीटीवी कैमरे (CCTV Cameras) से लैस कर उसको 24 घंटे की भीतर लाइव कर दिया है। अब इन चौकियों की निगरानी सीधे आबकारी कमिश्नर के द्वारा लखनऊ स्थित आफिस से की जा सकेगी।
विधानसभा चुनाव 2022 के दृष्टिगत इन 9 राज्यों और नेपाल बार्डर से होने वाले शराब के अवैध कारोबार को रोकने के लिए आबकारी विभाग द्वारा यह कदम उठाया गया है। सीसीटीवी कैमरों के लग जाने से अवैध शराब की तस्करी और सीमाक्षेत्र पर स्थापित चेकपोस्ट की गतिविधियों की निगरानी सीधे लखनऊ स्थित आबकारी कमिश्नर के दफ्तर से की जा रही है। आबकारी कमिश्नर कार्यालय से निगरानी होने से चेकपोस्टों पर होने वाली अनियमितता को देखा जा सकेगा। जिससे चुनाव के दौरान होने वाले शराब के इस अवैध कारोबार पर लगाम लगाई जा सकेगी।
इस सम्बन्ध में आबकारी कमिश्नर सेंथिल पांडियन का कहना है कि अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर हमने यह कदम उठाया है। सीसीटीवी टीवी कैमरे की निगरानी और टेक्नोलोजी के इस्तेमाल से हम शराब के अवैध कारोबार पर नजर रख सकेंगे और उस पर काबू पा सकेंगे। चुनाव के समय में अवैध शराब की आवक में बढ़ोत्तरी देखी गयी है। चुनाव आयोग के निर्देश के क्रम में विभाग के इस कदम और स्थानीय पुलिस के सहयोग से इस अवैध कारोबार पर काबू पाया जा सकता है।
वहीं सीसीटीवी कैमरे को लेकर एडीजी कानून व्यवस्था का कहना है कि आबकारी और पुलिस विभागों द्वारा अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय सीमाओं पर 31 चौकियां स्थापित की गई हैं। दोनों विभागों की टीमें संयुक्त रूप से चेकिंग कर रही हैं। इसमें दोनों विभागों की टीमों की 3 शिफ्ट में ड्यूटी लगी है।
चेकपोस्टों की निगरानी का कार्य आयुक्त मुख्यालय से जारी है
हाईटेक हुआ आबकारी विभाग, टेक्नोलोजी के सहारे पारदर्शिता और शराब के अवैध कारोबार पर रखी जा रही नजर।आबकारी विभाग इसके पहले भी टेक्नोलोजी के इस्तेमाल से शराब में मिलावट को रोकने में कामयाब रहा है। फिलहाल इन जिलों और चेकपोस्टों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर उनको आबकारी आयुक्त के दफ्तर से जोड़ा जा चुका है और चेकपोस्टों की निगरानी का कार्य आयुक्त मुख्यालय से जारी है। यूपी से सटे 9 राज्यों बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश, झारखंड, छतीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जहां से अवैध शराब की तस्करी होती रही है, अब इन राज्यों और नेपाल बार्डर से सटे कुल 23 जिलों के 31 चेकपोस्टों को सीसीटीवी से लैस किया गया है।
राजस्थान से सटे जिले आगरा और मथुरा में 2 चेकपोस्ट सैयां और फतेहपुर सीकरी बनाए गए
बिहार से सटे 2 जिले चंदौली के नौबतपुर और कुशीनगर के तमकुहीराज के चेक पोस्ट पर जहां से कुल 7 जिलों सोनभद्र, चन्दौली,गाजीपुर, बलिया, देवरिया, कुशीनगर (पडरौना) और महराजगंज जिलों से अवैध शराब की आवक पर नजर रखी जा सकेगी। उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश इसी तरह उत्तराखंड से सटे जिले सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली और पीलीभीत और हरियाणा से सटे जिले सहारानपुर, शामली, बागपत, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ और मथुरा बार्डर को बागपत के गौरीपुर, सहारनपुर के सरसावा, शामली के बिडौली और कैराना, और मथुरा के कोसीकलां के चेकपोस्ट से मोनिटरिंग की जाएगी। राजस्थान से सटे जिले आगरा और मथुरा में 2 चेकपोस्ट सैयां और फतेहपुर सीकरी बनाए गए हैं। हिमाचल प्रदेश से सटा जिला सहारनपुर का नाम भी इसी में शामिल है।
मध्यप्रदेश, झारखंड, छतीसगढ़
उधर मध्यप्रदेश से सटे जिले आगरा, इटावा, जालौन, झाँसी,ललितपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट, इलाहाबाद, मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों की निगरानी के लिए कुल 9 स्थानों पर मिर्जापुर के ड्रमण्डगंज, सोनभद्र के औढ़ीचौकी, प्रयागराज के चौखटा, बांदा के नरैनी, महोबा के श्रीनगर झांसी के रक्सा और अम्बावाय, ललितपुर के मसौरा और इटावा के ऊदी के चेकपोस्ट में सीसीटीवी लगाकर उसको आयुक्त के कार्यालय से जोड़ दिया गया है। झारखंड और छतीसगढ़ से जुड़ा जिला सोनभद्र भी इसी में शामिल है।
कालिंदी कुञ्ज के चेकपोस्ट को सीसीटीवी से लैस कर दिया गया है
दिल्ली बॉर्डर से सटे जिले गाजियाबाद के भौपुरा और टी० पी० नगर और गौतमबुद्धनगर के अशोक नगर (विजय नगर) और कालिंदी कुञ्ज के चेकपोस्ट को सीसीटीवी से लैस कर दिया गया है। नेपाल बॉर्डर से सटे 9 जिलों बहराईच के रुपईडीह, श्रावस्ती के तालबघौड़ा, बलरामपुर के चंदनपुर, सिद्धार्थनगर के बढ़नी, अलीगढ़वा, महराजगंज के नौतनवा/सोनौली, ठूठीबारी, लखीमपुरखीरी के गौरीफन्टा और चन्दनचौकी के चेकपोस्ट को सीसीटीवी कैमरे से जोड़ा जा चुका है। नेपाल से सता पीलीभीत जिले की भी निगरानी यहीं से की जा सकेगी। आबकारी आयुक्त ने बताया कि लखीमपुरखीरी की चंदन चौकी सीमा सुरक्षा बल और आबकारी विभाग की निगरानी में रहेगी।
बताते चलें कि इसके पहले भी आबकारी विभाग शीरे की ढुलाई के दौरान होने वाली मिलावट को रोकने के लिए टेक्नोलोजी का इस्तेमाल कर चुका है और जिसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है। शीरे की ढुलाई के दौरान ट्रक ड्राईवरों द्वारा मिलावट का काम किया जाता था। जिसको रोकने के लिए विभाग ने एक इलेक्ट्रोनिक डिवाइस (डिजीलॉक और जिओ फेंसिंग तकनीकी) का इस्तेमाल किया। जिसको केवल लोडिंग और अनलोडिंग परिसर में केवल उस यूनिट के नामित अधिकारी द्वारा कोड से खोला जा सकता है।