गडकरी-योगी में बनी सहमति, राजमार्गों के लिए केंद्र को यूपी में निशुल्क जमीन

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अब राजमार्गों (Highways) का निर्माण आसानी से हो सकेगा। प्रदेश में एक दशक के बाद आयोजित हो रही इंडियन रोड कांग्रेस (Indian Road Congress) (आईआरसी) को लेकर योगी सरकार (Yogi Govt) ने एक अहम फैसला लिया है। योगी सरकार ने प्रदेश में बनने वाले नए राजमार्गों के लिए निशुल्क जमीन (Free Land) देने का फैसला किया है। केंद्र सरकार (Central Government) और उसके तहत आने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority) (एनएचएआई) को योगी सरकार निशुल्क भूमि सड़क के निर्माण के लिए उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार ग्रीनफील्ड सड़कों (Greenfield Roads) के निर्माण के लिए भी जमीन देगी। 

    रोड कांग्रेस में हिस्सा लेने आए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बैठक में इस पर सहमति बनी है। बैठक में मुख्यमंत्री ने वाराणसी की तर्ज पर गाजियाबाद, मथुरा-वृंदावन,  बुन्देलखण्ड और सोनभद्र में रोप-वे निर्माण की परियोजनाओं की चर्चा की जिस पर केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने सभी जरूरी सहयोग देने का आश्वासन दिया। 

    मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालयों के लिए रिंग रोड या बाईपास मार्ग की आवश्यकता है। जिस पर केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने सकारात्मक रूप से विचार करने का आश्वासन दिया। बैठक में प्रदेश सरकार की ओर से गोसाईगंज-बनी-मोहान मार्ग, सीतापुर-लखीमपुर-गौरीफंटा मार्ग, टूंडला-एटा-कासगंज राज्यमार्ग, चंदौसी-मुरादाबाद-फर्रुखाबाद राज्यमार्ग, नैमिषारण्य-गोला गोकर्णनाथ-माता पूर्णागिरि-शाहजहांपुर-फर्रुखाबाद सहित विभिन्न मार्गों के सुदृढ़ीकरण के लिए भी प्रस्ताव रखा गया। 

    भारत सरकार से सहयोग की अपेक्षा

    मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में उत्तर प्रदेश में निर्मित अधिकांश राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस-वे पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर चलते हैं। लेकिन प्रदेश के सामाजिक और सामरिक महत्व के दृष्टिगत नेपाल बॉर्डर से सटे जनपदों से प्रारंभ कर उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण जिलों को जोड़ते हुए देश में व्यावसायिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थानों, यथा बंदरगाहों, औद्योगिक क्षेत्रों और खनिज बाहुल्य क्षेत्रों से जोड़ना आवश्यक है। उन्होंने प्रदेश में अधिक से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों की स्थापना की जरूरत बताते हुए भारत सरकार से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि गोरखपुर-सिलीगुड़ी, वाराणसी-कोलकाता और गोरखपुर-बरेली कॉरिडोर को भारतमाला परियोजना-2 में शामिल किया जाना प्रदेश की तरक्की को नई उड़ान देने वाला होगा। 

    प्रथम चरण में 25 बस स्टेशनों का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए

    प्रदेश में सरकारी बस स्टेशनों के नवनिर्माण की कवायद पर मुख्यमंत्री वे कहा कि इसके लिए एनएचएआई का सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा कि चरणबद्ध रूप से सभी 75 जिलों के बस स्टेशनों का पुनर्निर्माण किया जा सकता है। एनएचएआई की मदद से इन्हें निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) मोड में विकसित किया जा सकता है। नितिन गडकरी ने अधिकारियों को प्रथम चरण में 25 बस स्टेशनों का प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। केंद्रीय मंत्री ने आगामी कुंभ मेले से पहले रायबरेली-प्रयागराज सेक्शन में अत्यधिक ट्रैफिक और धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्ग होने के कारण इसके चौड़ीकरण के प्रस्ताव का परीक्षण करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।