निःशुल्क चिकित्सा शिविर में लोगों का हुआ सैकड़ों का इलाज

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    लखनऊ : आज आशियाना स्थित आस्था मैटरनिटी एंड लैप्रोस्कोपी सेंटर में आस्था मैटरनिटी एंड लैप्रोस्कोपी सेंटर (Maternity and Laparoscopy Centre) और सनातनी पंजाबी महासभा (Sanatani Punjabi Mahasabha) के द्वारा निःशुल्क चिकित्सा शिविर (Medical Camp) का आयोजन किया गया। जिसके मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Chief Minister Brajesh Pathak) रहे। शिविर में आस्था मैटरनिटी एंड लैप्रोस्कोपी सेंटर के मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश अरोरा, स्त्री रोग विशेषज्ञ और लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. सुमिता अरोरा और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष झा सहित अन्य चिकित्सों ने शिविर में आये मरीजों को मुफ्त सलाह और दवा वितरित की। मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का स्वागत आस्था मैटरनिटी एंड लैप्रोस्कोपी के मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश अरोरा, स्त्री रोग और लैप्रोस्कोपिक विशेषज्ञ डॉ. सुमिता अरोरा और सनातनी पंजाबी महासभा के अध्यक्ष अनिल बिरमानी ने महासभा के सदस्यों सहित किया। उप मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता में कहा कि जरूतमंदों के उपचार के लिए निजी संस्थाओं और सामाजिक संगठनों को आगे आना चाहिए। मनुष्य का स्वास्थ्य ही उसका असली धन है। हमारे स्वास्थ्य के लिए चिकित्सक बहुत महत्वपूर्ण हैं। शिविर का शुभारम्भ उप मुख्य मंत्री ने दीप प्रज्वलित कर के किया।

    मूत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश अरोरा ने बताया कि मूत्ररोग की शिकायत किसी भी उम्र में हो सकती है। चाहे वे बच्चे, बड़े, बुजुर्ग और महिलाएं ही क्यों हो। पर सभी में अलग-अलग उम्र में विभिन्न कारणों से मूत्र रोग की समस्या उत्पन्न होती है। बच्चे, बूढ़े, जवान में यदि पेशाब में खून रहा है तो यह कैंसर का भी लक्षण हो सकता है। युवाओं और बुजुर्गों में यदि बार-बार पेशाब और जलन की शिकायत है। तो मूत्र रोग विशेषज्ञ से निःसंकोच मिलें।

    चिकित्सा तकनीक में काफी विकास हुआ

    चिकित्सालय की प्रमुख और लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. सुमिता अरोरा ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में प्रचलित चौथा सबसे आम प्रकार का कैंसर है। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सर्विक्स की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। सर्विक्स यूट्रस के निचले भाग का हिस्सा है जो योनि से जुड़ा होता है। सर्वाइकल कैंसर इस हिस्से की कोशिकाओं को प्रभावित करता है। सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) के अलग-अलग तरह के एचपीवी स्ट्रेन्स के कारण होते हैं। एचपीवी एक बहुत ही आम यौन संचारित रोग है जो जननांग में मस्से के रूप में देखा जा सकता है। आजकल चिकित्सा तकनीक में काफी विकास हुआ है। लैप्रोस्कोपी से बहुत सारे इलाज संभव हैं। लैप्रोस्कोपिक सर्जरी सुरक्षित और दर्दरहित ऑपरेशन प्रक्रिया है। इससे ऑपरेशन के बाद रोगी को बड़ी परेशानी नहीं होती है और ऑपरेशन के बाद जल्द से जल्द घर चला जाता है। इसे डे-केयर सर्जरी भी कहते हैं।

    शिविर का संचालन चिकित्सालय की प्रबंधन प्रमुख अंकिता श्रीवास्तव, कैशलेस और स्वास्थ्य बीमा विभाग की प्रमुख अंकिता शुक्ला और सोनी ओबेराय सहित अन्य कर्मचारियों ने किया।