यूपी में मिलेंगे होटल प्रबंधन की पढ़ाई के कई संस्थान, अलीगढ़ और गोरखपुर बनेगा हब

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) अब होटल मैनेजमेंट (Hotel Management) के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों (Interested Students) का भी गढ़ बनेगा। प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) होटल प्रबंधन के क्षेत्र में कैरियर बनाने के इच्छुक छात्रों को पढ़ाई के अवसर उपलब्ध कराएगी। अलीगढ़ फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट (एफसीआई) को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (एसआईएचएम) का दर्जा देने के बाद गोरखपुर में भी इसी तरह का संस्थान खोला जाएगा। 

    प्रदेश सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि अब होटल प्रबंधन के क्षेत्र में कैरियर बनाने के इच्छुक छात्रों को दिल्ली या दूसरे प्रदेशों में नहीं भटकना पड़ेगा।  होटल प्रबंधन के छात्रों को प्रदेश में ही बेहतर पाठ्यक्रम में दाखिले की सुविधा मिलेगी और वो पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद प्रदेश या देश के किसी भी हिस्से में रोजगार पा सकेंगे। 

    17 प्रकार के पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जा सकेगा

    अलीगढ़ में उत्तर प्रदेश सरकार ने एफसीआई को उच्चीकृत कर स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (एसआईएचएम) के रूप में स्थापित करने का फैसला लिया है। इस फैसले के बाद संस्थान की क्षमता का विस्तार होगा और यहां सालाना लगभग 1700 से अधिक युवाओं को परास्नातक डिग्री, परास्नातक डिप्लोमा, स्नातक डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और कौशल विकास पाठ्यक्रमों को मिलाकर कुल 17 प्रकार के पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।  शैक्षणिक संस्थान को उच्चीकृत करने के बाद यहां रोजगारपरक स्नातक स्तरीय विभिन्न पाठ्यक्रमों में शिक्षण-प्रशिक्षण होगा। 

    400 से अधिक छात्रों को पढ़ाने की होगी व्यवस्था

    उधर, गोरखपुर में भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (एसआईएचएम) की शुरुआत का फैसला लिया है। गोरखपुर में 6 एकड़ जमीन पर संस्थान के परिसर का निर्माण होगा। इसके लिए भूमि का चयन हो चुका है और जल्द ही इस पर कार्य शुरू हो जाएगा। यहां 400 से अधिक छात्र-छात्राओं को पढ़ाने की व्यवस्था होगी। साथ ही, डिप्लोमा से लेकर स्नातक और परास्नातक डिग्री तक के पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे। 

    प्रवक्ता के मुताबिक इन संस्थानों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को कम खर्च पर होटल प्रबंधन की पढ़ाई करने का मौका मिलेगा। साथ ही निजी संस्थानों की तुलना में इन संस्थानों में शुल्क काफी कम होगा और सुविधाओं का स्तर भी बेहतर होगा।