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  • पीएम स्वामित्व योजना की मुख्यमंत्री योगी खुद कर रहे मॉनिटरिंग
  • 45 दिन में 4 लाख से ज्यादा घरौनियां हुईं तैयार
  • लक्ष्य से 144 प्रतिशत तेज गति से हुआ कार्य
  • प्रदेश में अब तक 66.59 लाख से अधिक घरौनियां हुईं तैयार
  • दिसंबर तक यूपी के 90 हजार से अधिक गांवों के लिए शत प्रतिशत घरौनी तैयार करने का लक्ष्य

लखनऊ: प्रदेश में पीएम स्वामित्व योजना (Ownership Scheme) के अंतर्गत घरौनियों (Property Card) के निर्माण और वितरण की प्रक्रिया तेज गति से आगे बढ़ रही है। अब तक 66 लाख से ज्यादा घरौनियां तैयार हो चुकी हैं। प्रदेश के 90 हजार से अधिक गांवों के लिए घरौनियां तैयार कराई जा रही हैं, जिनमें से 47 हजार से अधिक गांवों की घरौनियों का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसमें भी प्रदेश के ललितपुर (Lalitpur) का परफॉर्मेंस सबसे अच्छा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिसंबर तक हर हाल में घरौनी बनाने के कार्य को शत प्रतिशत पूरा करने का लक्ष्य दिया है।

 
क्या होती है घरौनी?
घरौनी को आवासीय अभिलेख या प्रॉपर्टी कार्ड भी कहा जा सकता है। आप इसे इस तरह से समझ सकते हैं जैसे खेत की जमीन का लेखा-जोखा खतौनी में होता है, ठीक उसी प्रकार घर की जमीन का लेखा-जोखा घरौनी में किया गया है। इस तरह ग्रामीण इलाकों में रह रहे लोगों के खेत व मकान का लेखा-जोखा सरकार के पास रहेगा।
 

प्रतिमाह दो लाख घरौनी बनाने का लक्ष्य
सीएम योगी के द्वारा सीधी मॉनिटरिंग की वजह से प्रदेश में घरौनी बनाने के कार्य में तेजी देखने को मिली है। प्रतिमाह दो लाख घरौनी बनाने के लक्ष्य के सापेक्ष बीते 45 दिनों में 4,31,794 से अधिक घरौनियां बनाई गई हैं, जो 144 प्रतिशत तेज गति से लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। बता दें कि प्रदेश में ड्रोन सर्वे के आधार पर 90,908 गांवों के लिए घरौनी बनाने का कार्य चल रहा है। अबतक 47,893  गांवों के लिए घरौनियां तैयार हो चुकी हैं। 24 अप्रैल से 15 सितंबर तक 11,44,936 घरौनियां तैयार की जा चुकी हैं। वहीं 24 अप्रैल 2020 को योजना की शुरुआत होने से लेकर 15 सितंबर 2023 तक प्रदेश में 66,59,905 घरौनियां बनाने का कार्य पूरा हो चुका है।

खराब प्रदर्शन वाले जिलों को सीएम की सख्त हिदायत
स्वामित्व योजना में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों में ललितपुर सर्वश्रेष्ठ रहा है। इसके बाद कासगंज, मुरादाबाद, जालौन और संभल टॉप 5 जिलों में शामिल है। इन सभी जिलों में लक्ष्य के सापेक्ष 99 फीसदी से ज्यादा कार्य संपन्न हुआ है। वहीं प्रदेश के सबसे खराब जनपदों में हरदोई बॉटम 5 में सबसे ऊपर है। इसके बाद प्रयागराज, लखनऊ, कुशीनगर और गोंडा जनपद भी सबसे खराब परफॉर्मेंस वाले हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन सभी जिलों के जिलाधिकारियों को सख्त हिदायत देते हुए योजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं।

क्या है पीएम स्वामित्व योजना
बता दें कि पीएम स्वामित्व योजना के तहत गांव के उन लोगों को अपने घर की जमीन का मालिकाना हक दिया जाता है, जो किसी भी सरकारी आंकड़े में दर्ज नहीं है। दरअसल, प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में काफी ऐसे लोग हैं, जिनकी घर की जमीन किसी भी सरकारी आंकड़ों में दर्ज नहीं है, जिससे उनकी जमीन पर किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा कब्जा होने का खतरा हमेशा बना रहता है। इसके अलावा, इस जमीन पर लोन भी नहीं मिल पाता। इसी समस्या को देखते हुए 24 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम स्वामित्व योजना का शुभारंभ किया था। इससे संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाने और बैंक ऋणों को आसान बनाने, संपत्ति विवादों को कम करने सहित व्यापक ग्राम स्तरीय योजना शामिल हैं। इसके अलावा यह पंचायतों के सामाजिक-आर्थिक प्रोफाइल को और बढ़ाएगा, जिससे वे आत्मनिर्भर बनेंगे। योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, विकलांग, अल्पसंख्यक, महिला और अन्य कमजोर समूहों सहित समाज के प्रत्येक वर्ग को शामिल किया गया है।