Asha workers will now get an honorarium of 1500 rupees per month instead of seven and a half hundred Yogi Adityanath

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    लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने ग्राम स्तर पर जलवायु परिवर्तन (Climate Change) को लेकर कई उदाहरण दिए। उन्होंने संतकबीरनगर जिले में आमी नदी के बारे में कहा कि जब आमी नदी स्वच्छ हो सकती है, तो हमारे गांव (Village) के तालाब क्यों नहीं। उन्होंने ग्राम प्रधानों से हर ग्राम पंचायत में 75-75 पौधे (Plants) लगाने और दो-दो अमृत सरोवर (Amrit Sarovar) बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मेरा गांव, मेरी धरोहर का लक्ष्य मानकर अगर हम आगे बढ़ेंगे, तो जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने में सफलता मिलेगी। हम सबको इस दिशा में सामूहिक प्रयास करना चाहिए।

    यह बातें उन्होंने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा पंचायती राज विभाग के सहयोग से आयोजित ‘कॉन्फ्रेंस ऑफ पंचायत-2022’ में कहीं। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी 58 हजार ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि जुड़े थे। इस दौरान उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दीं। साथ ही कहा कि पर्यावरण है, तो प्रकृति है, प्रकृति है, तो जीव सृष्टि भी है। इसलिए जीव सृष्टि की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि सभी लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हों। 

    उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतें हमारी व्यवस्था की आधारभूत इकाई हैं। ऐसे में अगर हम इन ईकाई को मजबूत कर लें, तो बहुत सारी चीजें आगे बढ़ती दिखाई देंगी। शासन स्तर पर बड़ी-बड़ी योजना बनाते रहें और आधारभूत ईकाई उससे अलग रहे, तो उन योजनाओं को शासन स्तर पर बनाने का कोई परिणाम नहीं दिखेगा। इसलिए सबसे छोटी इकाई को इसके साथ जोड़ते हुए इस महत्वपूर्ण कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है।

    आज हमारे पास 35 करोड़ पौधरोपण की क्षमता: योगी

    उन्होंने कहा कि 2017 में हमारी सरकार ने वन महोत्सव के अवसर पर पौधरोपण को अपने हाथों में लिया था, उस वक्त हमारे पास क्षमता महज पांच करोड़ पौधरोपण की ही थी। आज हमारे पास 35 करोड़ पौधरोपण की क्षमता है। जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने वाले ऐसे पौधरोपण को प्रोत्साहित करना होगा। लोगों को जलवायु परिवर्तन के कारकों को नियंत्रित करने में प्रभावी भूमिका का निर्वहन करना होगा। प्रदेश में 100 वर्ष से ऊपर के जितने भी वृक्ष हैं उन्हें विरासत वृक्ष के रूप में उनकी व्यवस्थित संरक्षण की भी कार्ययोजना लागू की गई है। 

    वन आच्छादन को जितना अधिक कर पाएंगे, वह प्रदेश हित में उतना अच्छा होगा: योगी

    सीएम योगी ने कहा कि सरकार ने पिछले पांच साल में 100 करोड़ पौधे लगाए हैं। किन्हीं कारणों से अगर कोई पौधा नष्ट हुआ है, तो इसकी जगह दूसरा लगाएं और इसके क्लस्टर को विकसित करते हुए हम प्रदेश में वन आच्छादन को जितना अधिक कर पाएंगे, वह प्रदेश के हित में उतना ही अच्छा होगा। विरासत वृक्षों को संरक्षित करने के अभियान को और तेज करना चाहिए। नेचुरल फार्मिंग को हमें बढ़ावा देना चाहिए। गंगा के किनारे बागवानी, खेती को प्रोत्साहित करना का एक विशेष अभियान होना चाहिए। इससे हमें जुड़ना होगा। 

    ऐसा अमृत सरोवर बनाएं, जहां लोग मॉर्निंग वॉक पर प्राणायाम कर सकें: सीएम

    सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें संकल्प दिया है कि हर ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर बनाया जाए। ग्राम प्रधानों और ग्राम प्रतिनिधि से हमारी अपील है कि हर गांव में दो-दो अमृत सरोवर बनाएं, जो शुद्ध जल का एकत्रीकरण का माध्यम बने। अमृत सरोवर के चारों ओर व्यापक पैमाने पर पौधरोपण करना। अमृत सरोवर का जल कहीं भी प्रदूषित न होने पाए इसकी व्यवस्था की जाए। अमृत सरोवर के चारों ओर बागवानी लगाना और राष्ट्रीय ध्वज को लगाने का काम किया जाना, ताकि राष्ट्रीय पर्वों पर राष्ट्रीय ध्वजों को गांव के किसी महानुभाव से ध्वजारोहण की कार्रवाई से जोड़ा जा सके। मॉर्निंग वॉक पर लोग प्राणायाम जैसी क्रियाओं का लाभ ले सकें, ऐसी व्यवस्थाओं को भी जोड़ा जाना चाहिए। 

    उन्होंने राष्ट्रपति के पैतिृक गांव परौंख के बारे में कहा कि परौंख आदर्श गांव है। गांव के सभी परिषदीय विद्यालयों का रंगरोगन, गांव में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था आदि की गई है। सभी ग्राम पंचायतें शासन की अनेक योजनाओं के साथ खुद को जोड़ने का काम करें। सरकार हर ग्राम पंचायत को शासन की योजनाओं से जोड़कर प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर गांव और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने का काम कर रही है। 

    स्वच्छ भारत मिशन के कारण बीमारियों पर अंकुश लगा: सीएम

    उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव वर्ष में हम सबका प्रयास होना चाहिए कि अमृत सरोवर के चारों ओर व्यापक स्तर पर पौधरोपण करें। पीपल, पाकड़, बरगद जैसे पौधों को लगा सकते हैं, जो गांव के लोगों को छाया दे सके। कृत्रिम कारणों को हम नियंत्रित कर लेंगे तो प्राकृतिक कारण भी धीरे-धीरे नियंत्रित होते दिखाई देंगे। अंतर विभागीय समन्वय के माध्यम से हम इसे नई ऊचाइयों पर पहुंचाने में सफल होंगे। स्वच्छ भारत मिशन के कारण आज गांवों में बीमारियों पर अंकुश लग सका है। इंसेफ्लाइटिस और कालाजार जैसी बीमारियों को उत्तर प्रदेश रोकने में सफल हुआ है।