यूपी में बिजली हड़ताल खत्म, हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई वापस होगी

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– राजेश मिश्र  

लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में दो दिनों से ज्यादा समय से चली आ रही बिजली कर्मियों (Electricity Workers) की हड़ताल (Strike) रविवार को वापस ले ली गई है। हड़ताली बिजली कर्मचारी नेताओं और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री (Energy Minister) के बीच चली कई दौर की बातचीत के बाद रविवार को यह फैसला लिया गया। ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल में शामिल होने के चलते की गई निलंबन, एफआईआर और अन्य कार्रवाई को वापस लेने का एलान किया है। उन्होंने बिजली कर्मचारियों और अधिकारियों से जल्द से जल्द काम पर लौटने और आपूर्ति को पटरी पर लाने का अनुरोध किया है। 

गौरतलब है कि शुक्रवार आधी रात से प्रदेश भर के बिजली कर्मी अपनी मांगों को लेकर तीन दिन की हड़ताल पर चले गए थे। हड़ताल के चलते प्रदेश के ज्यादातर ग्रामीण इलाकों, कई शहरों और राजधानी लखनऊ तक में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई और कई इलाके बीते दो दिन से अंधेरे में थे। ताप बिजली संयंत्रों के कर्मचारियों के भी हड़ताल में शामिल होने के चलते ओबरा की सभी इकाइयां, अनपरा की दो और परीछा की एक इकाई बंद हो गई थी जिससे 1000 मेगावाट बिजली की उत्पादन नहीं हो रहा था। हड़ातल पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने इसमें शामिल होने वाले कर्मियों पर एस्मा लगाने का एलान किया था। 

प्रदेश भर में 3000 से ज्यादा संविदा पर काम करने वाले बिजली कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया जबकि 27 नेताओं पर एफआईआर दर्ज की गई थी।  बिजली हड़ताल का संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हड़ताल का नेतृत्व कर रहे कर्मचारी नेताओं के खिलाफ जमानती वारंट जारी करते हुए सोमवार को तलब किया था। 

बीते दो दिनों से हड़ताल खत्म करवाने के प्रयास कर रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शनिवार को देर रात तक विजली कर्मी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के नेताओं से बातचीत की थी। बातचीत के बेनतीजा रहने पर रविवार को उन्हें फिर बुलाया गया था। आज हड़ताल खत्म होने का एलान करते हुए ऊर्जा मंत्री ए.के शर्मा ने संघर्ष समिति को आश्वासन दिया कि हड़ताल के दौरान कर्मचारियों के खिलाफ की गई संपूर्ण कार्रवाई को वापस लिया जाएगा और इसके लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) के चेयरमैन को निर्देशित भी किया कि अब तक कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई में चाहे एफआईआर हो, निलंबन हो या अन्य किसी प्रकार की कार्रवाई की गई हो, इसे शीघ्र ही वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि संघर्ष के अन्य मुद्दों पर विचार करने के लिए आने वाले समय में वार्ता की जाएगी।

ऊर्जा मंत्री ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से भी कहा है कि प्रदेश में जहां कहीं भी विद्युत आपूर्ति बाधित हो, उसे शीघ्र संचालित किया जाए और जो भी कर्मचारी कार्यस्थल पर न हो, वह कार्यस्थल पर जाकर अपनी ड्यूटी करें। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के चेयरमैन शैलेंद्र दूबे ने कहा मंत्री ने उनकी सभी मांगों को मानते हुए अभी तक दर्ज किए गए सभी मुकदमें, की गई कार्यवाही को खत्म करने को कहा है। इसी के चलते हड़ताल को एक दिन पहले ही वापस ले लिया गया है।