कम लागत में गुणवत्तापूर्ण ढंग से परियोजनाओं को धरातल पर उतारा गया : केशव प्रसाद मौर्य

    Loading

    लखनऊः उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में राज्यों/जनपदों/विकास खण्डो/तहसीलों/ग्राम पंचाचतों/राजस्व ग्रामों और मजरों से अच्छी रोड़ कनेक्टिविटी (Connectivity) के साथ जनसामान्य को सुगम यातायात की सुविधा प्रदान करने के लिए उ.प्र. के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) ने लोक निर्माण विभाग मुख्यालय स्थित विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में वर्चुअल रूप से प्रदेश के जिलों की 10,725 करोड़ रुपए की कुल 8413 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम के तहत 5036 करोड़ रुपए की लागत से 353 विधानसभा क्षेत्रों की 4703 मार्गों, जिनकी लम्बाई 8737 कि.मी. है और 1698 करोड़ रुपए की लागत के 79 विधानसभा क्षेत्रों के अन्तर्गत 132 सेतुओं का शिलान्यास किया गया है, जिसमें 100 लघु सेतु और 32 दीर्घ सेतु हैं। इस दौरान 74 सेतुओं और 3503 मार्गों के कार्यों का लोकार्पण भी उपमुख्यमंत्री द्वारा किया गया। 

    इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री मौर्य ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी लोकार्पित और शिलान्यास की गयी परियोजनाओं के शिलापट्ट 3 दिन के अन्दर सम्बन्धित साइट पर समारोह आयोजित करते हुए स्थापित किए जांए तथा वहां पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और क्षेत्रीय जनता की भागीदारी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाय। 

    मॉनिटरिंग सिस्टम डेवलप किया जाए

    मौर्य ने कहा इस कार्य की मॉनिटरिंग सिस्टम के लिए लोक निर्माण विभाग मुख्यालय में मॉनिटरिंग सिस्टम डेवलप किया जाए और शिलापट्ट स्थापित किए जाने की सूचना तत्काल उपलब्ध कराई जाय। उपमुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग द्वारा कराए गए उत्कृष्ट और उल्लेखनीय कार्यों के लिए लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम और राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि सड़कों के बिना विकास अधूरा लगता है, सड़कें विकास के नए द्वार खोलती हैं और प्रदेश में सड़कों और पुलों का जाल बिछाकर उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में लोक निर्माण विभाग द्वारा बहुत ही सराहनीय कार्य किया गया है। 

    गुणवत्तापूर्ण सड़कें बनाई गई 

    मौर्य ने कहा कि नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, मुख्य जिला मार्ग, अन्य जिला मार्ग और जहां पर 7 मी. तक चौड़ी सड़कें बनी हैं उनसे 5 कि.मी. दूरी तक के गांवों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि 2017 से पूर्व प्रदेश में 6000 कि.मी. राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई थी, जो अब बढ़कर 12000 कि.मी. हो गई है। निर्माण कार्यों में सभी बाधाओं को दूर करते हुए निर्माण कार्यों को कराया गया हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नयी और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके अच्छी और गुणवत्तापूर्ण सड़कें तो बनायी ही गयीं हैं, साथ ही साथ बहुत बड़ी धनराशि की बचत भी की गयी है, जिससे गांवों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ने में सफलता प्राप्त की गयी है। मार्गों के डिजाइन में परिवर्तन के फलस्वरूप मार्ग निर्माण की लागत एवं सामग्री की खपत में 20 से 25 प्रतिशत की कमी आयी है तथा इससे पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन को बढावा मिला है। 

    कार्बन उत्सर्जन की कमी आई 

    लगभग 45.9 एम.टी. कार्बन उत्सर्जन की कमी आयी है। प्रदेश में सड़कों का निर्माण करके प्रदेश के विकास की रफ्तार को तेज किया गया है, इससे जहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं आवागमन की बेहतर सुविधा के साथ-साथ किसानों, व्यापारियों व आम जनमानस को विपणन सुविधाओं का भरपूर लाभ मिलेगा। इस दौरान प्रदेश में लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम और राजकीय निर्माण निगम द्वारा वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कराए गए कार्यों की डाक्यूमेन्ट्री फिल्म के माध्यम से प्रदर्शन किया गया। इस डाक्यूमेन्ट्री फिल्म को लोक निर्माण विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करने तथा जिलों को भी भेजने के निर्देश उपमुख्यमंत्री द्वारा दिये गये। 

    कई परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण

    उपमुख्यमंत्री द्वारा अवध क्षेत्र के 13 जिलों की 1081 परियोजनाओं, गोरखपुर क्षेत्र के 9 जिलों की 445 परियोजनाओं, काशी क्षेत्र के 10 जिलों के 365 परियोजनाओं, कानपुर और बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 14 जिलों की 699 परियोजनओं, ब्रज क्षेत्र के 11 जिलों की 737 परियोजनाओं, पश्चिम क्षेत्र के 11 जिलों की 154 परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया तथा पश्चिम क्षेत्र की 620 परियोजनाओं, ब्रज क्षेत्र की 630 परियोजनाओं, कानपुर एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र की 696 परियोजनाओं, अवध क्षेत्र की 1045 परियोजनाओं, गोरखपुर क्षेत्र की 851 परियोजनाओं तथा काशी क्षेत्र की 805 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया।

    108 विकासखण्ड मुख्यालयों को 2 लेन मार्ग से जोड़ा गया 

    लोक निर्माण विभाग द्वारा वर्तमान सरकार के कार्यकाल में किये गये कार्यों पर प्रकाश डालते हुए मौर्य ने कहा कि 2001 की जनगणना के आधार पर 250 से अधिक आबादी की कुल लक्षित 1557 राजस्व ग्रामों के सापेक्ष 1550 राजस्व ग्रामों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ा गया है। 2011 की जनगणना के आधार पर 250 से अधिक आबादी के लक्षित 297 राजस्व ग्रामों में से 173 राजस्व ग्रामों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ा गया है। 7 मी. से अधिक चौड़े मार्गों के 5 कि.मी. की परिधि में आने वाले 250 से अधिक आबादी की 1729 ग्रामों/बसावटों को रोड कनेक्टिविटी दी गयी है। 25 तहसील मुख्यालयों और 108 विकासखण्ड मुख्यालयों को 2 लेन मार्ग से जोड़ा गया है। केन्द्रीय मार्ग निधि के तहत 114 कार्य किए गए हैं। अन्तर्राष्ट्रीय/अन्तर्राज्जीय सीमा वाले कुल निर्माणाधीन 86 मार्गों में से 62 मार्गों के निर्माण का कार्य पूरा किया जा चुका है। प्रदेश के महत्वपूर्ण मार्गों की श्रेणी परिवर्तित करते हुए 70 नए राजमार्ग और 57 नए प्रमुख जिला मार्ग घोषित किए गए हैं। लोक निर्माण विभाग और सेतु निगम द्वारा 145 दीर्घ सेतु, 379 लघु सेतु और 60 आरओबी बनवाये गये हैं। 50 करोड़ रुपए से अधिक के लागत के विभिन्न विभागों के 94 कार्यों में से 46 कार्य स्वीकृत हैं, जो, ईपीसी मोड पर कराए जा रहे हैं।

    85 प्लास्टिक मार्गों का निर्माण किया गया 

    केशव प्रसाद मौर्य ने कहा 103 टन वेस्ट प्लास्टिक की खपत कर 85 प्लास्टिक मार्गों का निर्माण किया गया है। 175 मार्गों को हर्बल मार्ग के रूप में चयनित करते हुए 33747 हर्बल पौधे रोपित किये गये। डा0 एपीजे कलाम गौरव पथ योजना के तहत 356 मेघावी छात्रों के ग्रामों में से 314 कार्यों के सापेक्ष 278 कार्य पूर्ण कराए गए। मेजर ध्यानचन्द्र विजयपथ योजना के तहत प्रदेश के 20 खिलाड़ियों के निवास/ग्रामों तक मार्गों के निर्माण और मरम्मत के कार्य किए गए। जय हिन्द वीर पथ योजना के तहत 17 शहीदों के गांवों तक सड़कों के कार्य कराए गए हैं। कोविड काल के दौरान विभाग के सहयोग से सभी जिलों में भोजन और राशन सामग्री का वितरण किया गया। लोक निर्माण विभाग द्वारा अधिकारियों व कर्मचारियों के सहयोग से प्रदेश के पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुये वीर शहीदों के परिजनों को  22-22 लाख रुपए की धनराशि प्रदान कर विभाग को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने का कार्य किया गया।

    कार्य प्रणाली को बहुत ही पारदर्शी बनाया गया 

    मौर्य ने कहा कि चैधरी चरण सिंह कांवड़ पथ 100 कि.मी., अयोध्या 84 कोसी परिक्रमा मार्ग 250 कि.मी. और राम वन गमन मार्ग 122 कि.मी. के कार्य प्रक्रियाधीन हैं। उन्होंने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय और अन्तर्राज्जीय सीमाओं पर भव्य और आकर्षण द्वार बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। चाणक्य, विश्वकर्मा और प्रहरी साफ्टवेयर का प्रयोग करके विभाग की कार्य प्रणाली को बहुत ही पारदर्शी बनाया गया है। दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए रोड सेफ्टी के बहुत ही अच्छे कार्य किए गए हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सारगर्भित, ओजस्वी और अर्थपूर्ण सम्बोधन में सौभाग्य योजना, उज्जवला योजना, आयुष्मान योजना, घरौनी स्वामित्व प्रमाण पत्र, गरीब कल्याण अन्न योजना, किसान सम्मान निधि जैसी ग्रामोन्नमुखी व बहुमुखी विकास की योजनाओं की भी चर्चा की।

    अच्छी सड़कें बनने से हो रही समय की बचत

    इस अवसर पर राज्यमंत्री लोक निर्माण विभाग श्री चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय ने कहा कि उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के कार्यों में ऐतिहासिक प्रगति हुई है, अच्छी और गुणवत्तापूर्ण सड़कों के निर्माण से जनता को अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने में आसानी तो हो ही रही है, साथ ही समय की बचत भी हो रही है। प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण ने कहा कि लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम व राजकीय निर्माण निगम में निर्माण कार्यों में नये रिकॉर्ड बनाये गये हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा ठोस व प्रभावी रणनीति बनाकर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की गयी हैं, वहीं कम लागत में गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कराये गये हैं। कार्यक्रम का सफल संचालन मुख्य अभियन्ता (भवन)  जे.के. बांगा ने किया। इस अवसर पर विधायक नीरज बोरा, विधायक अविनाश त्रिवेदी, सचिव लोक निर्माण विभाग समीर वर्मा, प्रमुख अभियन्ता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष राकेश सक्सेना, प्रमुख अभियन्ता मनोज गुप्ता, प्रमुख अभियन्ता अरविन्द कुमार श्रीवास्तव, राजकीय निर्माण निगम के प्रबन्ध निदेशक एस.पी. सिंघल, सेतु निगम के प्रबन्ध निदेशक योगेश कुमार पवार, मुख्य अभियन्ता संजय श्रीवास्तव, मुख्य अभियन्ता अशोक अग्रवाल, मुख्य अभियन्ता आर.के. हरदहा, अधीक्षण अभियन्ता पी.के. जैन, अधिशासी अभियन्ता मनीष वर्मा सहित लोक निर्माण विभाग के अन्य अभियन्ता और अधिकारी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।