
कमिश्वर गौरव दयाल ने यह भी लिखा कि इन दोनों अधिकारियों के रहते समय से यह काम पूरा होना संभव नहीं दिख रहा है। बताते चले कि 9 नवंबर की भवन निर्माण समिति की बैठक से बाद भी अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल और डीएम नीतिश कुमार ने इसी माह की 14 तारीख को रामजन्मभमि पथ का निरीक्षण कर कैनौपी का निर्माण न होने पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने इस काम को तत्काल पूरा करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद इन अधिकारियों का रवैया बेहद लापरवाही भरा बना रहा।
कैनेपी निर्माण में पत्थरों के डिसमेंटल को ठीक करना था
कमिश्नर गौरव दयाल ने जिलाधिकारी नितीश कुमार के साथ 14 सितंबर को निर्माणाधीन जन्मभूमि पथ, भक्ति पथ व राम पथ का निरीक्षण किया था। अधिकारीद्वय ने जन्मभूमि पथ में कार्यदायी संस्था यू.पी. आरएनएन द्वारा बनायी जा रही कैनेपी का निरीक्षण किया तथा निर्देश दिया कि कैनेपी का कार्य तीव्र गति से पूर्ण गुणवत्ता से करते हुये कैनेपी निर्माण में जो पथ के पत्थरों को डिसमेंटल किया गया है उन लिए नये पत्थरों की व्यवस्था उसी पैटर्न के अनुसार लगाने की पूर्व से ही कर ली जाय। पर इसका भी कुछ असर नहीं दिखने के बाद यह कार्यवाही की गई।
रामलला के दर्शन से जुड़ा सबसे छोटा मार्ग
बताते चले कि श्रीरामजन्मभूमि पथ का निर्माण 39 करोड़ की लागत से हो रहा है। यह रामलला के दर्शन से जुड़ा सबसे छोटा मार्ग जिसकी लंबाई बिड़ला धर्मशाला से मात्र 566 मीटर है। इस पथ पर श्रद्धालुओं के लिए लाकर,बेंच, पेयजल, चिकित्सा और रामलला की आरती के लिए टोकन आदि की सारी व्यवस्था भी की गई है। अगस्त माह में यह मार्ग श्रद्धालुओं के लिए समर्पित किया जा चुका है। इसके बावजूद इस महत्वूपर्ण मार्ग का करीब 5 प्रतिशत निर्माण कार्य जस का तस पड़ा हुआ है।