-राजेश मिश्र
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कानपुर में विकास दुबे (Vikas Dubey) के एनकाउंटर के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और उसके ब्राह्मण नेताओं द्वारा भगवान परशुराम (Lord Parshuram) को लेकर उमड़ा प्रेम-उत्साह चुनाव बाद फीका रहा। विधानसभा चुनाव से पहले परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने का वादा वाले सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ईद की बधाई एक दिन पहले जारी कर दिए, जबकि भगवान परशुराम के जन्मोत्सव से खुद को दूर ही रखे रहे। प्रदेशवासियों को ईद की बधाई देने वाले अखिलेश यादव की इस चुप्पी ने उनको बीजेपी (BJP) के निशाने पर ला दिया और उन पर मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगने लगे। बीजेपी नेताओं द्वारा आलोचना के बाद शनिवार को उनके द्वारा परशुराम जयंती पर भी सन्देश जारी किया गया।
जानकारों का मानना है कि ईद की अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं देने वाले अखिलेश यादव द्वारा परशुराम जयंती पर आलोचना के बाद अगले दिन सन्देश देना केवल सियासी नासमझी ही कहा जाएगा, फ़िलहाल अखिलेश ने विपक्ष को मौका दे ही दिया। वैसे सपा की सियासत का एजेंडा ही एमवाई समीकरण रहा है।
अखिलेश यादव का ब्राह्मण प्रेम केवल दिखावा
उत्तर प्रदेश भाजपा के सह संपर्क प्रमुख नवीन श्रीवास्तव ने अपने ट्वीट के माध्यम से भगवान परशुराम के जन्म उत्सव की बधाई देते हुए कहा कि आश्चर्यजनक है 2022 के चुनाव के पहले भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने का वादा करने वाले अखिलेश यादव एक दिन पहले ईद की बधाई दिए, लेकिन भगवान परशुराम पर मौन रहे और अगले दिन दबाव में सन्देश जारी किया। यह मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं और इनका ब्राह्मण प्रेम केवल दिखावा है। गौरतलबू है कि 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले पुलिसवालों की हत्या करने वाले विकास दुबे का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था जिसको लेकर तब कांग्रेस में रहे और अब बीजेपी की योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद और समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मणों को रिझाने के एजेंडे पर काम करना शुरू कर दिया था।
समस्त देशवासियों को भगवान परशुराम जयंती एवं अक्षय तृतीया की हार्दिक शुभकामनाएं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) April 22, 2023
पूर्वांचल के ब्राह्मणों के बीच सक्रिय हो गये थे मनोज पाण्डेय
समाजवादी प्रबुद्ध सभा के अध्यक्ष मनोज पाण्डेय पूर्वांचल के ब्राह्मणों के बीच सक्रिय हो गये थे तो सपा के लम्भुआ, सुल्तानपुर जिले के पूर्व विधायक संतोष पाण्डेय ने राजधानी लखनऊ के निकट भगवान परशुराम के फरसे को स्थापित किया था और सपा मुखिया अखिलेश यादव वहां पहुंचकर भगवान परशुराम की प्रतिमा स्थापित करने की बात कह कर आये थे। इसके आलावा परशुराम को लेकर अपनी-अपनी सियासत का जोर भरने वाले मनोज पाण्डेय और संतोष पाण्डेय नेपथ्य में ही रहे।