UP VIDHAN SABHA

    Loading

    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में स्थानीय निकाय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 विधान परिषद (UP Legislative Assembly) सीटों के लिए हुए चुनावों में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का सूपड़ा साफ हो गया है। सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी ने इन 36 में से 33 सीटें जीत लीं हैं। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में बीजेपी (BJP) को करारी हार का सामना करना पड़ा है। यहां निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली है और बीजेपी की जमानत जब्त हुई है।

    स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र की 36 विधान परिषद सीटों में 9 पर पहले ही बीजेपी के प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं। शेष 27 सीटों पर 9 अप्रैल को मतदान और मंगलवार को मतगणना हुई। बीजेपी को इन चुनावों में 36 में से 33 सीटों पर सफलता मिली है, जबकि तीन सीटें निर्दलीयों के हाथ लगी हैं। 

    आजमगढ़ में निर्दलीय प्रत्याशी ने बीजेपी को हराया 

    सपा मुखिया अखिलेश यादव के क्षेत्र आजमगढ़ में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। आजमगढ़ में निर्दलीय प्रत्याशी ने बीजेपी को हराया है, जबकि सपा प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा है। प्रतापगढ़ जिले में बाहुबली रघुराज प्रताप सिंह राजा भैय्या की पार्टी जनसत्ता दल के अक्षय प्रताप सिंह को जीत मिली है और बीजेपी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा है। वाराणसी, आजमगढ़ और प्रतापगढ़ में निर्दलीयों को जीत मिली है, जबकि बाकी सभी जगहों पर बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत का परचम पहराया है।

    विधान परिषद में भी बीजेपी का बहुमत

    मंगलवार की जीत के बाद बीजेपी का विधानसभा के साथ ही विधान परिषद में भी बहुमत हो गया है। उत्तर प्रदेश में 1982 के बाद किसी भी दल को दोनों सदनों में बहुमत प्राप्त हुआ है। अब उत्तर प्रदेश विधान परिषद में बीजेपी के 67 सदस्य हो गए हैं। सपा के पास 17, बसपा 4, अपना दल, निषाद पार्टी और कांग्रेस के एक-एक सदस्य हैं। दो सदस्य शिक्षक दलों और पांच निर्दलीय सदस्य हैं। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में कुल 100 सदस्य होते हैं। अभी तक बीजेपी के कुल 34 विधान परिषद सदस्य थे। गौरतलब है कि स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र के विधान परिषद सदस्यों के चुनावों में आमतौर पर सत्तारुढ़ दल का बोलबाला रहता है। इससे पहले 2004 में मुलायम सिंह की सरकार में सपा ने 36 में से 24 तो 2010 में मायावती के मुख्यमंत्री रहते बसपा ने 34 सीटें जीती थीं। अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहने के दौरान सपा ने 2016 में 36 में से 31 सीटें जीत ली थीं और इनमें से आठ पर तो निर्विरोध निर्वाचन हो गया था। इस बार विधान परिषद के चुनावों में भाजपा के प्रत्याशी लखीमपुर, बांदा-हमीरपुर, एटा-मैनपुरी-मथुरा में दो, बुलंदशहर, अलीगढ़, हरदोई, सोनभद्र-मिर्जापुर, और बदांयू में निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे।

    इनकी हुई जीत

    मंगलवार को हुए मतदान में बहराइच-श्रावस्ती से बीजेपी की प्रज्ञा त्रिपाठी, रायबरेली से दिनेश प्रताप सिंह, जौनपुर से बृजेश सिंह प्रिंशू, देवरिया-कुशीनगर से रतनपाल सिंह, लखनऊ-उन्नाव से रामचंद्र प्रधान, बाराबंकी से अंगद कुमार सिंह, आगरा-फिरोजाबाद से विजय शिवहरे, बलिया में रविशंकर सिंह पप्पू, प्रयागराज में डॉ. के.पी. श्रीवास्तव, मेरठ में धर्मेंद्र भारद्वाज और सीतापुर से पवन सिंह चौहान जीत गए हैं। जबकि गाजीपुर से बीजेपी प्रत्याशी विशाल सिंह चंचल, मुरादाबाद से सतपाल सैनी, गोरखपुर से सी.पी. चंद, सुल्तानपुर से शैलेन्द्र प्रताप सिंह, बस्ती से सुभाष यदुवंश, फर्रुखाबाद से प्रांशु दत्त, झांसी से रमा निरंजन, गोंडा से अवधेश कुमार सिंह, अयोध्या में हरिओम पांडे, फतेहपुर से अविनाश सिंह चौहान और बरेली में महाराज सिंह ने जीत हासिल की है। इनके अलावा प्रतापगढ़ से निर्दलीय अक्षय प्रताप सिंह, आजमगढ़ में निर्दलीय प्रत्याशी विक्रांत सिंह रिशु और वाराणसी में निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह जीती हैं।