गोरखपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गोरखपुर (Gorakhpur) स्थित गीता प्रेस (Gita Press) के शताब्दी समारोह के समापन समारोह में शुक्रवार को भाग लिया। इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) भी मौजूद रहे। इस दौरान नेपाली भाषा में अनुवादित सचित्र शिव पुराण और शिव महापुराण का अनावरण किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि गीता प्रेस विश्व का ऐसा इकलौता प्रिंटिंग प्रेस है जो सिर्फ संस्था नहीं बल्कि जीवंत आस्था है। प्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए किसी मंदिर से कम नहीं है। जहां गीता है वहां साक्षात् कृष्ण भी है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “1923 में गीता प्रेस के रूप में जो आध्यात्मिक प्रकाश यहां प्रकाशित हुआ, आज उसकी रोशनी पूरी मानवता का मार्गदर्शन कर रही है। 100 साल पहले औपनिवेशिक ताकतों ने भारत का शोषण किया। हमारे गुरुकुल नष्ट कर दिए गए। जब हमारा प्रिंटिंग प्रेस सक्षम नहीं था अपनी उच्च लागत के कारण प्रत्येक नागरिक तक पहुंचने के लिए, तब गीता प्रेस मार्गदर्शक शक्ति बन गई। हम सभी इस संगठन के शताब्दी समारोह के साक्षी बनने के लिए भाग्यशाली हैं।”
#WATCH | "The spiritual light that illuminated here in the form of Gita Press in 1923, today its light is guiding the entire humanity…100 years ago the colonial forces exploited India…our Gurukuls were destroyed. When our printing press was not able to reach every citizen due… pic.twitter.com/z3AUqUz5w3
— ANI (@ANI) July 7, 2023
उन्होंने कहा, “गीता प्रेस इस बात का भी प्रमाण है कि जब आपके उद्देश्य शुद्ध होते हैं, आपके मूल्य शुद्ध होते हैं तो सफलता आपका पर्याय बन जाती है। आज भारत विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह समय मुक्ति का है गुलामी की मानसिकता और अपनी विरासत पर गर्व करें।” उन्होंने कहा, “गीता प्रेस विश्व का ऐसा इकलौता प्रिंटिंग प्रेस है जो सिर्फ संस्था नहीं बल्कि जीवंत आस्था है। गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए किसी मंदिर से कम नहीं है। इसके नाम और काम में भी गीता है। जहां गीता है वहां साक्षात् कृष्ण भी है।”
#WATCH | "…Gita Press is the only printing press in the world, which is not just an organization but a living faith. Gita Press is not just a printing press but a temple to crores of people…The press' name also has Gita & the work also has Gita…": PM Modi during the… pic.twitter.com/FmOTEiaw3v
— ANI (@ANI) July 7, 2023
पीएम मोदी ने कहा, “हमारी सरकार ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार भी दिया है। गांधी जी का गीता प्रेस से भावनात्मक जुड़ाव था। एक समय में गांधी जी कल्याण पत्रिका के माध्यम से गीता प्रेस के लिए लिखा करते थे। मुझे बताया गया कि गांधी जी ने ही सुझाव दिया था कि कल्याण पत्रिका में विज्ञापन न छापे जाएं। कल्याण पत्रिका आज भी गांधी जी के सुझाव का शत प्रतिशत अनुसरण कर रही है।”
आगे पीएम मोदी ने कहा, “विदेशी आक्रांताओं ने हमारे पुस्तकालय को जलाया था। अंग्रेजों के समय में गुरुकुल और गुरु परंपरा को नष्ट कर दिया गया था। हमारे पूज्य ग्रंथ गायब होने लगे थे और जो प्रिंटिंग प्रेस भारत में थे वह महंगी कीमतों के कारण सामान्य लोगों की पहुंच के बाहर थे। जब मूल्यों और आदर्शों के स्रोत ही सूखने लगे, तो समाज का प्रवाह अपने आप ही थमने लगता है।”
उन्होंने कहा, “आजादी के 75 साल बाद भी नौसेना के झंडे पर गुलामी के प्रतीक चिन्ह को ढो रहे थे। हमने अपनी धरोहरों, भारतीय विचारों को वह स्थान दिया जो मिलना चाहिए, इसलिए भारत की नौसेना के झंडे पर छत्रपति शिवाजी महाराज के समय का निशान दिखाई दे रहा है। गुलामी के दौर का राजपथ, कर्तव्यपथ बनकर कर्तव्य भाव की प्रेरणा का एहसास दे रहा है।”