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    लखनऊ: योगी सरकार (Yogi Govt.) ने अपने पहले में किसानों की आय (Farmers Income) दोगुनी करने की दिशा में अनेक उल्लेखनीय काम किए हैं। अब दूसरी पारी शुरू होते ही मुख्यमंत्री योगी ने कृषि शिक्षा (Agricultural Education) और अनुसंधान (Research) पर विशेष बल दिया है। उत्तर प्रदेश के सभी कृषि विश्वविद्यालयों में आगामी छह महीनों में 417 रिक्त शैक्षणिक पदों को भरा जाएगा। साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र के 143 रिक्त पदों को भी भरा जाएगा। प्रदेश में चार कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या, कानपुर, मेरठ और बांदा में स्थित हैं और प्रदेश में कुलसृजन 89 कृषि विज्ञान केंद्र क्रियाशील हैं जिसमे आईसीएआर, बीएचयू, शियाट्स नैनी कृषि संस्थान और एनजीओ संस्थाओं से 22 कृषि विज्ञान केंद्र आच्छादित हैं।।

    कृषि शिक्षा और अनुसंधान के लिए तैयार कार्ययोजना के अंतर्गत कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के अंतर्गत शुगरकेन टेक्नॉलजी महाविद्यालय के पदों को सृजित कर क्रियाशील किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग से हस्तांतरित हरदोई के महाविद्यालय को भी इसी अवधि में क्रियाशील किया जाएगा। कृषि विश्वविद्यालय, कानपुर के उद्यान और वानिकी महाविद्यालय के लिए भी पदों का सृजन  किया जाएगा।

    अयोध्या में नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत 25 कृषि विज्ञान केंद्र कार्यरत हैं। इस विश्वविद्यालय के अधीन आजमगढ़ और अंबेडकरनगर में कृषि महाविद्यालय हैं, और गोंडा में कृषि महाविद्यालय निर्माणाधीन हैं। कानपुर के चंद्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन 15 कृषि विज्ञान केंद्र हैं, और इस विश्वविद्यालय के अधीन इटावा और खीरी में कृषि महाविद्यालय सम्बद्ध हैं। मेरठ के सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय के अधीन 20 कृषि विज्ञान केंद्र, व बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत 7 कृषि विज्ञान केंद्र कार्यरत हैं। सभी विश्वविद्यालयों में पिछले पाँच वर्षों में फसल-विशेष सेंटर ऑफ एक्सेलेन्स स्थापित किए गए हैं और इनमे 12 नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। 

    आगामी दिनों में कृषि विज्ञान केंद्र के मूल्यांकन संकेतक (असेस्मन्ट इंडेक्स) निर्धारित किये जाएंगे, जैसे कृषक प्रशिक्षण, प्राकृतिक खेती में, योगदान, बीज उत्पादन, विविधीकरण और अवस्थापना का उचित उपयोग। आगामी दो वर्षों में समस्त कृषि विश्वविद्यालयों में स्टार्ट अप इनक्यूबेशन सेंटर किए जाएंगे, जिनका खर्च राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के द्वारा उठाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत 67 कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए कुल 114.84 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई। कृषि विश्वविद्यालयों के लिए 151.40 करोड़ रुपए की धनराशि अवमुक्त की गई है।