एक गांव जहां लोग होली के दिन खुशियां नहीं बल्कि मनाते हैं मातम, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश

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    नई दिल्ली: होली (Holi) हमारे देश में एक बहुत बड़ा त्यौहार होता है, होली के दिन हर तरफ खुशियां मनाई जाती है, लोग जमकर रंग खेलते है, लेकिन वही  भारत में एक ऐसा गांव है जहां होली के दिन खुशिया नहीं बल्कि मातम मनाया जाता है, इसके पीछे जो वजह है उसे जानकार आप भी दंग रह जाएंगे, आइए जानते है भारत के इस अजिबोरगरीब गांव के बारे में जहा नहीं मनाई जाती होली…. 

    होली पर मनाया जाता है दुःख 

    दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जहां होली के दिन पूरे देश में खुशियां मनाई जा रही हैं तो वही हरियाणा के कैथल जिले के दूसरपुर गांव में आज के दिन मातम मनाने की बहुत ही अजीब प्रथा है। बता दें कि होली के दिन यहां लोग एक-दूसरे को रंग नहीं लगाते, बल्कि इस गांव में चारों तरफ मातम पसरा रहता है, हर तरफ सन्नाटा छाया हुआ रहता है, और इसके पीछे का कारण एक बाबा के शाप को माना जाता है।  

    ये है चौंकाने वाली वजह… 

    इस बारे में हरियाणा के कैथल गांव के बुजुर्ग उन्होंने बताया हैं कि कई साल पहले गांव में एक बाबा रहते थे। इस बाबा का नाम श्रीराम स्नेही दास था। गांव के लोगों के अनुसार, एक बार गांव के किसी शख्स ने श्रीराम स्नेही दास बाबा से कुछ ऐसी बात कह दी थी, जिससे बाबा बेहद नाराज हो गए थे। इसके बाद उन्होंने होली के दिन होलिका दहन की अग्नि में कूदकर अपनी जान दे दी थी। बाबा ने जलते समय बाबा गांव वालों को शाप दिया था कि अगर गांव में किसी ने होली मनाई तो उसके यहां बहुत बड़ा अपशकुन होगा। जिससे पूरा गांव आहत में होगा। 

    शाप के डर से नहीं मनाते होली

    इस वजह से वहां बाबा के शाप के डर से इसके बाद गांव के लोगों ने होली मनानी बंद कर दी और आज तक इस गांव में होली नहीं मनाई जाती। बता दें कि बाबा श्रीराम स्नेही दास जिस जगह अग्नि कुंड में जले थे, वहां उनकी समाधि बनाई गई है। आज के दिन उनकी समाधि पर लोग पूजा-पाठ करते हैं।  माना जाता है कि इससे लोगों की सभी मुरादें पूरी होती हैं। अब हम आपको गांव वाले बाबा के शाप का तोड़ भी बताते हैं। गांव के लोग कहते हैं कि होली के दिन कोई महिला अगर पुत्र को जन्म दे या फिर गाय बछड़े को जन्म दे तो यह शाप खत्म हो जाएगा, और तब ही लोग इस गांव में होली का त्यौहार मना सकेंगे।