पांच साल से मगरमच्छ के गले में फंसा था टायर, फिर शख्स ने किया कुछ ऐसा….

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    नई दिल्ली: इंडोनेशिया के एक मगरमच्छ का पिछले 5 सालों से बहुत बुरा हाल था , क्यों की इस मगरमच्छ के गले में पिछले पांच सालों से एक टायर फंसा हुआ था जो अब जाकर निकल पाया है। आपको बता दें कि मगरमच्छ के गले में फंसे इस टायर की कहानी इतनी चौंकाने वाली है कि इसे सुनकर कोई भी दंग रह जाएगा। इस टायर को निकलने के लिए सरकार ने इनाम तक रखा था लेकिन स्थानीय अधिकारी इसमें सफल नहीं हो पाए थे। इसके बाद जो हुआ वह वाकई में देखने लायक था। 

    2016 से फंसा हुआ था टायर 

    जी हां दरअसल जब गांव के अधिकारी इस काम में सफल नहीं हुए तो इसके बाद वहां का एक बहादुर युवक ने ऐसा कारनामा कर दिखाया कि मगरमच्छ की जान भी बच गई और टायर भी निकल गया। जी हां अब आपके मन में ये सवाल आया होगा कि आखिर ऐसा कैसे हो गया। आपको बता दें कि यह घटना इंडोनेशिया के सेंट्रल सुलावेसी प्रांत की है। द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 13 फीट (करीब चार मीटर) लंबे इस मगरमच्छ के गले में यह टायर 2016 से फंसा हुआ था। 

    टायर निकालने वाले को इनाम 

    दरअसल इस बारे में कहां जाता है कि किसी ने इसका शिकार करने के लिए यह टायर इसके गले में फंसा दिया था। इसी बीच ठीक उसी समय पहली बार उसे पालू नदी में सबसे पहले टायर के साथ देखा गया था। ऐसा भी हो सकता है कि टायर कुछ और पहले फंसा हो।जब इसे टायर के साथ छटपटाते देखा गया तो पालू शहर के निवासियों ने इसकी जानकारी वन्यजीव संरक्षण अधिकारियों को दी थी।

    इसके बाद अधिकारी साल 2016 से ही मगरमच्छ के गले से टायर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं बल्कि वहां की सरकार यह भी ऐलान कर दिया था कि जो भी इस टायर को निकालेगा, उसे इनाम दिया जाएगा। वहां के स्थानीय अधिकारी तभी से ही इस कोशिश में थे कि मगरमच्छ खारे पानी से बाहर आए और टायर निकाला जाए।  

    एक शख्स ने किया कारनामा 

    आपको बता दें कि एक और वहां की सरकार मगरमच्छ के गले से टायर निकालने के लिए इनाम तक देने के लिए तैयार थी, वही इसी बीच सेंट्रल सुलावेसी प्रांत में ही रहने वाले टिली नाम के शख्स ने प्लान बनाया और कुछ लोगों को इकठ्ठा किया और बताया कि वह मगरमच्छ के गले से टायर निकाल देगा। टिली ने मगरमच्छ को बाहर निकालने के लिए तीन सप्ताह का रेस्क्यू चलाया और आखिरकार वह तीसरी बार में सफल हो गया। टिली ने मगरमच्छ के चारे के रूप में चिकन का इस्तेमाल किया और उसे जाल में फंसाया। फिर बड़ी मशक्कत के बाद वह ये कारनामा कर पाए। 

    टिली की बहादुरी आयी काम 

    इसके बाद उसे मजबूत रस्सियों से पकड़कर उसका मुंह बांध दिया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने उसकी भरपूर मदद की। जब उसे बांध लिया गया तो गर्दन के चारों तरफ से टायर को काटा गया। इस प्रकार टिली की हिम्मत और बहादुरी की वजह से कई वर्षों से गर्दन में फंसे टायर से मगरमच्छ आजाद हो गया है। इसके बाद मगरमच्छ को नदी में जाने दिया गया। इस तरह एक बेजुबान जानवर को उस टायर से आज़ाद कर दिया।