सोशल मीडिया पर इन दोनों भाइयों के मुलाकात का वीडियो वायरल हो रहा है।
इस्लामाबाद, पाकिस्तान (Pakistan) का करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) एक बार फिर दो दिलों को मिलाने का जरिया बना है। करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) के कारण 74 साल बाद दो बिछड़े भाइयों (Two Brothers Reunite Video) को मिलने का मौका मिला। भारत-पाकिस्तान बंटवारे के कारण दोनों भाई अलग हो गए थे। लेकिन, अब 74 साल बाद दोनों भाइयों की मुलाकात हुए है। यह लम्हा दोनों भाइयो के लिए बेहद खास था। दोनों भाइयों का नाम मुहम्मद सिद्दीकी (80) और हबीब हबीब उर्फ शेला है। मुहम्मद सिद्दीकी पाकिस्तान के फैसलाबाद में और हबीब भारत के पंजाब स्थित फुल्लनवाला में रहते हैं।
करतारपुर कॉरिडोर में इतने लंबे समय के बाद एक दूसरे को देख दोनों भावुक हो गए और रोते हुए एक-दूसरे को गले लगाया। सोशल मीडिया पर इन दोनों भाइयों के मुलाकात का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दोनों भाई अपने-अपने रिश्तेदारों के साथ करतारपुर कॉरिडोर में दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो में परिवार के अलावा गुरुद्वारा प्रबंधन के अधिकारी भी नजर आ रहे हैं।
Kartarpur Sahib corridor has reunited two elderly brothers across the Punjab border after 74 years. The two brothers had parted ways at the time of partition. A corridor of reunion 🙏 pic.twitter.com/g2FgQco6wG
— Gagandeep Singh (@Gagan4344) January 12, 2022
यह पहली बार नहीं है जब करतापुर कॉरिडोर बिछड़े लोगों मिलवाने का जरिया बना है। इससे पहले पिछले साल साल नवंबर में इस जगह दो बिछड़े दोस्तों की 74 साल बाद मुलाकात हुई थी। भारत में रहने वाले सरदार गोपाल सिंह (94) अपने बचपन के दोस्त पाकिस्तान के मोहम्मद बशीर (91) से बंटवारे के समय में अलग हो गए थे।
भारत में पंजाब के डेरा बाबा नानक से पाक सीमा तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। वहीं पाकिस्तान के नारोवाल जिले में गुरुद्वारे तक कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। इसी जगह को करतारपुर साहिब कॉरिडोर कहा गया है। करतारपुर साहिब सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है। यह पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है। वहीं, करतारपुर को पहला गुरुद्वारा माना जाता है और इसकी नींव गुरु नानक देव जी ने रखी थी। यहां मत्था टेकने के लिए भारत से जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए वीजा फ्री यात्रा की व्यवस्था है।