(Image-Viral Press)
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    नई दिल्ली: हमेशा से कहा जाता है कि हद से ज्यादा हम कुछ करते है, तो इसके विपरीत परिणाम भी होते है। फिर चाहे वो कोई इंसान हो या फिर कोई जानवर हो। इंसान की तरह कोई भी जीव अगर बहुत खाएगा तो उसका वजन (Obese animals) बढ़ना जाहिर सी बात है। वैसे तो कई जानवर जो वजनी ही होते हैं मगर हम सब जानते है कि बंदर दुबले-पतले और बेहद फुर्तीले होते है। शायद ही आपने कभी मोटा बंदर देखा हो। लेकिन थाईलैंड का एक बंदर कुछ ऐसा ही मोटा (Thailand fat monkey) है, जिसकी तोंद आसानी से जमीन पर टिक जाती है। आइए जानते है आखिर बंदर इतना मोटा कैसे हुआ….  

    खा-खाकर हो गया मोटा 

    बता दें कि थाईलैंड का ये बंदर स्ट्रीट फूड (Bangkok monkey eat street food) खा-खाकर इतना मोटा हो गया कि उसकी तोंद निकल आई। ऐसे में उसके जान पर बन आयी , अपने मोटापे के चक्कर में उसे वजन कम करने के लिए एक कैंप में भी भेजना पड़ा। डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार थाईलैंड के बैंकॉक में साल 2017 के दौरान ये बंदर काफी चर्चा का विषय बना हुआ था।

    इसके पीछे वजह ये थी कि बंदर का वजन इतना ज्यादा था कि ठीक से चल-फिर भी नहीं पाता था। इस बंदर का ज्यादा वजन (Thailand fat monkey weight) होने का कारण वो बेहद अजीब भी दिखने लगा था।  बता दें कि इस बंदर को लोग अंकल फैटी (Uncle Fatty) के नाम से पुकारते थे, और वो बैंकॉक की सड़कों पर ही रहा करता था। 

    इतना हो गया था बंदर का वजन 

    दरअसल ये बंदर शहर के प्रमुख मार्केट में रह रहा था इसी कारण वहां के दुकानदार और लोग उसे खाने पीने के लिए काफी मात्रा में फास्ट फूड और अन्य तरह के स्ट्रीट फूड दे देते थे। जिससे उसका वजन बढ़ता चला गया। बता दें कि बंदर को लोग मिल्क शेक, स्वीट कॉर्न, नूडल, नींबू  इस सब खाने को देते थे। जानकारी के लिए आपको बता दें कि लंबी पूंछ वाले मकाक प्रजाति के नर बंदरों का औसत वजन 8 किलो तक ही होता है मगर इस बंदर का वजन 15 किलो तक हो गया था। इस कारण से उसका पेट इतना ज्यादा निकल आया था कि जब वो चलता या बैठता था तो उसकी तोंद जमीन पर छूती थी।

    वजन कम करने के कैंप में किया गया था भर्ती

    इस मोटे तोंद वाले बंदर को मई 2017 में नेशनल पार्क्स, वाइल्डलाइफ और प्लांट कंजर्वेशन अथॉरिटी ने फैट कैंप में भर्ती करवाया ताकि उसका वजन कम हो सके, और वो अच्छे से जी सके। वहां के वर्कर्स चाहते थे कि वो उसका वजन फिर से कम कर सकें जिससे वो अपनी प्रजाति के अन्य बंदरों जैसा हो जाए मगर उसे दौरान मार्केट के लोग, कई कंजर्वेशन ग्रुप और बंदरों के अन्य साथी भी इस बात का विरोध कर रहे थे जब उसे फैट कैंप वाले ले जा रहे थे। 

    कम हो गया था वजन

    मार्किट के लोगों का कहना था कि वो बीमार नहीं है तो फिर उसे क्यों ले जाया जा रहा है। रिहैब में बंदर ने 2 किलो वजन कम कर लिया था और कैंप के लोगों ने कहा था कि उसका पेट अब जमीन से नहीं छूता है। इसके बाद उसे फिर से मार्केट में छोड़ दिया गया था। मगर छोड़ने के 5 महीने बाद जब वो अपने दल के बीच नजर नहीं आया तो ये मान लिया गया कि उसकी मौत हो गई है।

    यह हम सबकी जिम्मेदारी

    लोगों ने अंदाजा लगाया कि या तो वो अपने वजन के कारण मर गया या फिर बुढ़ापे के चलते मर गया, क्यों की अब वो बंदर किसी को नजर नहीं आता। जानवर इंसानों के जैसे अपने खानपान पर नियंत्रण नहीं रख सकते, ऐसे में हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम जानवरों को जो खिला रहे है वह उसके लिए ठीक है की नहीं और अगर है तो इसे कितना खिलाना चाहिए, ताकि उन बेजुबान को कोई परेशानी न हों।