कोरोना: बैंड-बाजा-बारात की बजा गई बैंड, कोरोना काल में हुए बेरोजगार

  • डेकोरेशन, बैंड पार्टी वालों पर भूखे रहने की नौबत,

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गिरड. कोरोना महामारी का फैलाव रोकने सरकार ने लॉकडाऊन किया. परंतु इस लॉकडाऊन से अनेकों को बेरोजगार कर दिया है. सबसे अधिक गंभीर प्रश्न मंडप, डेकोरेशन, बैंड पार्टी वालों का है. क्योकि 7 माह बाद भी उन्हे रोजगार के लिए तरसना पड रहा है. परिणामवश व्यवसाय से जुडे लोगों पर भूखे रहने की नौबत आयी है. ऐसी स्थिति में बैंड-बाजा-बारात की ही बैंड बज गई है.

जहां कोरोना वायरस के संक्रमण का असर देशव्यापी हो चुका है वहीं इसका असर जॉब, व्यवसाय के साथ-साथ तमाम तरह के आयोजनों पर भी पड़ रहा है. खास कर निजी आयोजनों की बात करें तो विवाह कार्यकमों पर इसका असर काफी ज्यादा पड़ रहा है. वैसे तो करोना काल में सभी के ऊपर में भुखमरी का संकट आया हुआ है. शादियों में सबसे ज्यादा अहम रोल निभाने वाले डेकोरेशन और बैंड पार्टी व्यवसाय पर निर्भर लोगों पर भुखमरी का संकट आन पड़ा है. मार्च महीने से लॉकडाउन लगा. ऐन शादियों के मौके पर लॉकडाउन होने से कई बैंड पार्टी ओर कई डेकोरेशन वाले लोगों के सामने एक बहुत बड़ा संकट सामने खड़ा हुआ. बुकींग रद्द हुई तथा एडवांस भी वापस करना पडा. आज त्यौहारों के दिनों में भी इन्हे रोजगार के लिए तरसना पड रहा है.

रोजगार पर भी असर

विवाह के सीजन का इंतजार केवल उन लोगों को ही नही रहता जो अपने घर के किसी सदस्य के विवाह को लेकर कार्यक्रम तय करते हैं. बल्कि उन्हें भी रहता है जो इन कार्यक्रमों से जुड़े व्यवसाय में हैं. डेकोरेशन, बैंड पार्टी, होटल, मैरिज गार्डन, कार्ड प्रिंटर्स व कैटरर्स की बात करें तो सबके अंदर मायूसी छाई है. उनका कहना है कि, इस बंद की वजह से काफी नुकसान हुआ है ओर आगे रोजगार का बड़ा प्रश्न खड़ा है. अनलॉक के बाद गृह मंत्रालय ने कुछ दिशा-निर्देशों के अनुसार शादी समारोह करने की इजाजत जरूर दी, लेकिन उसके नियम इतने कड़े है कि लोगों ने अपनी शादियां आगे टालना ही मुनासिब समझा.