जानें विश्व मच्छर दिवस का इतिहास, महत्व और कब से मनाने की हुई शुरूआत

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    नई दिल्ली : हर साल 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य ये है कि मच्छरों के बारें में लोगों को जागरूक करना और इससे संबंधी जानकारी लोगों तक पहुंचाना। इस दिन को मनाने का और एक खास कारण है कि मच्छरों से होने वाली बीमारियों और इनसे कैसे बचा जाएं इसके बारे में लोगों को जागरूक करना। तो चलिए विश्व मच्छर दिवस पर आज मच्छर से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी आपको देते है…. 

    मच्छर काटने से हर साल होती है इतनी मौतें 

    आपको बता दें मछर यह एक आम जिव है लेकिन यह हमारे लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि America Mosquito Control Association के मुताबिक हर साल पूरी दुनिया में मच्छर के काटने की वजह से 1 मिलियन से अधिक लोगों की मौत होती है। UNICEF के एक रिपोर्ट के अनुसार यह बात सामने आयी है  कि पूरी दुनिया भर की 40 प्रतिशत की जनसंख्या ऐसे इलाके के में रहते है  जहां  मलेरिया होने का खतरा सबसे अधिक होता है। 

    हम सब जानते है कि मानसून के मौसम में ही मच्छर ज्यादा होते है। यही  वो मौसम होता है जब मछरे बेहद ज्यादा पैदा होते है। यही एक वजह है की मच्छरों की संख्या अधिक होने से हर साल मानसून में ज्यादा बीमारियां होने लगती है। एक आम सा दिखने वाला मच्छर हमारी जान तक ले सकता है  इस्लियेब सावधान रहना बेहद जरुरी है। 

    जानें विश्व मच्छर दिवस का इतिहास 

    आपको बता दें कि मच्छर का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। 1987 में ब्रिटिश के डॉक्टर रोनाल्ड रोस ने मच्छर और इससे जुडी उस वक्त की सबसे खतरनाक बीमारी मलेरिया के बिच एक तरह का लिंक देखा था। रोनाल्ड रोस ने एक बेहद हैरान क्र देने वाली खोज की थी उन्होंने यह पता लगाया था कि एक मादा मच्छर काटने से ही मलेरिया यह बिमारी होती है।

     रोनाल्ड रोस और उनके टीम का इस विषय पर हो रहे रिसर्च को देखते हुए लंदन के हाइजीन और ट्रोपिकल मेडिसिन ने हर साल 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मानाने की घोषणा की थी। इस दिवस को मनाने का उनका मुख्य उद्देश्य यह है  की लोगों के बिच मच्छरों से होने वाली बिमारिओं के बारे में जागरूक करना, सावधान करना है।  

    मच्छर से जुड़े कुछ खास तथ्य 

    1. आपको बता दें कि एनोफिलीज  मच्छरों की लगभग 40 प्रजातियां है।

    2.  यही वो मच्छर होते है जो इंसान में मलेरिया बीमारी पैदा करते है।

    3.  यह मच्छर ज्यादातर सुबह के समय ही काटते है।

    4 . एडीज एजिप्टी इस प्रजाति का मच्छर एक वर्ष से अधिक समय तक बिना पानी पिए जीवित रह सकता है।

    5 . अगर मछर से खुदको काटने से बचना है तो मच्छरदानी एक बेहतर उपाय है।

    6 . दरसल हमें जो मच्छर कटे है वह मादा होती है, क्योंकि मादा मच्छर को अंडे के उत्पादन के लिए रक्त की जरूरत होती है।

    7.  इसके विपरीत नर मच्छर फूल अमृत या चीनी स्त्रोंतो पर जिंदा रहते है।