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नई दिल्ली. अमेरिका के हर सैन फ्रांसिस्को में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास पर एक हमले की की खबर मिली है। मामले पर स्थानीय मीडिया रिपोर्ट की मानें तो घटना रविवार सुबह 1.30 से 2.30 की है, जब कथित तौर पर कुछ खालिस्तानी समर्थकों ने दूतावास पर हमला बोलते हुए यहां आग लगा दी। पता हो कि, बीते 5 महीने में इस तरह की यह दूसरी घटना है जब खालिस्तानी समर्थकों की ओर से भारतीय दूतावास को निशाना बनाया गया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने हिंसा की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है।

वहीं स्थानीय मीडिया ‘दीया टीवी’ की एक रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। दूतावास में आग जब तक विकराल रूप लेती उससे पहले ही सैन फ्रांसिस्को फायर डिपार्टमेंट ने काबू पा लिया। इस मामले पर रिपोर्ट के मुताबिक, आग की वजह से दूतावास को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है और न ही कोई कर्मचारी यहां घायल हुआ है। ऐसा भी कहा जा रहा है किकथित तौर पर खालिस्तानी समर्थकों ने घटना को लेकर एक वीडियो भी जारी किया है। हालांकि, ‘नवभारत’ इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। 

खालिस्तानी समर्थकों की ओर से शेयर किए गए इस वीडियो में दावा है कि, उन्होंने ग्रुप के हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या के विरोध में दूतावास पर यह हमला बोला है। पता हो कि, निज्जर की कनाडा के सरे में दो अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। दिवंगत निज्जर सिख फ़ॉर जस्टिस (SFJ) से भी जुड़ा हुआ था और कनाडा में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे का अध्यक्ष भी हुआ करता इधर था।

वहीं कथित तौर पर सिख चरमपंथियों द्वारा प्रसारित एक पोस्टर में अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू और सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूतावास के महावाणिज्यदूत डॉ.टीवी नागेंद्र प्रसाद को निशाना बनाया गया है, जिन पर जून में खालिस्तान टाइगर फ़ोर्स के के हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भूमिका निभाने का आरोप इस पोस्टर में लगाया है।

इधर घटना पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने ट्वीट करते कहा, अमेरिका सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास के खिलाफ कथित बर्बरता और आगजनी के प्रयास की कड़ी निंदा करता है। उन्होंने इसे अमेरिका में विदेशी राजनयिकों के खिलाफ अपराध बताया है।

मार्च में भी हुआ था हमला

गौरतलब है कि इससे पहले भी बीते मार्च में खालिस्तानी समर्थकों की ओर से सैन फ्रांसिस्को में ही भारतीय दूतावास पर हमला कर भवन को नुकसान पहुंचाया था। तब भी घटना की भारत और अमेरिकी सरकार की ओर से निंदा की गई थी और हमले में शामिल लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की भी मांग रखी गई थी।