Anusha Shah first Indian-origin to lead Britain's 'Institute of Civil Engineers'
अनुषा शाह

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लंदन: ब्रिटेन (Britain) के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियर्स’ (Institute of Civil Engineers)के अध्यक्ष पद के लिए प्रोफेसर अनुषा शाह (Anusha Shah) को चुना गया है और इसी के साथ वह 205 साल के इतिहास में संस्थान की अध्यक्ष निर्वाचित होने वाली पहली भारतवंशी बन गई हैं। आईसीई, सिविल इंजीनियर के पेशेवरों का स्वतंत्र संघ और धर्मार्थ निकाय है जिसके करीब 95 हजार सदस्य हैं।   

संस्थान के 159वें अध्यक्ष के तौर पर शाह ने कार्यभार संभाला और मंगलवार की शाम को लंदन स्थित आईसीई के मुख्यालय में प्रकृति के प्रति सकारात्मक इंजीनियरिंग थीम पर अपना अध्यक्षीय भाषण दिया। शाह को जल और पर्यावरण अभियंत्रिकी में विशेषज्ञता प्राप्त है और उनके पास ब्रिटेन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 22 साल तक प्रमुख परियोजनाओं एवं कार्यक्रमों का डिजाइन, प्रबंधन और नेतृत्व करने का अनुभव है।  उन्होंने भाषण में कहा,‘‘बतौर अध्यक्ष मेरा कार्यकाल इसपर केंद्रित होगा कि कैसे इस पेशे को प्रकृति के अनुकूल और इसके जन सकारात्मक होने की छवि लोगों के दिलों में बनाएं।”

शाह ने कहा, ‘‘हम बुनियादी ढांचे और प्रकृति के बीच के अंतर्संबंध को समझने में विफल रहे हैं। हम वैश्विक स्तर पर प्रकृति-आधारित और हरित समाधान लागू कर रहे हैं, लेकिन सीमित दायरे में। यह अभी तक परिपाटी के तौर पर नहीं हुआ है।” प्रोफेसर शाह ने कहा कि दुनिया भर में जैव विविधता के 30 प्रतिशत नुकसान के लिए निर्माण कार्य जिम्मेदार है, लेकिन प्रकृति और लोगों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने से इंजीनियरों को पर्यावरण की क्षति रोकने में मदद मिलेगी। शाह कश्मीर में पली-बढ़ी हैं।

उन्होंने 23 साल की उम्र में नयी दिल्ली में कश्मीर के डल झील के संरक्षण का काम करने वाली परामर्श कपंनी का पता लगाया और इंजीनियर की भूमिका पर बात करने उसके कार्यालय पहुंच गईं।  शाह 1999 में प्रतिष्ठित राष्ट्रमंडल छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले दो लोगों में से एक थीं और उसके बाद सर्रे विश्वविद्यालय में जल एवं पर्यावरण इंजीनियरिंग में परास्नातक करने ब्रिटेन चली आईं। 

यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन ने 2021 में उन्हें इंजीनियरिंग में जलवायु परिवर्तन को रोकने के प्रयासों के लिए मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मान किया। इसी साल यूनिवर्सिटी ऑफ वॉल्वरहैम्प्टन ने भी ज्ञान प्रसार के लिए उन्हें मानद प्रोफेसर का पद दिया।  शाह की अन्य उपलब्धियों में 2016 में आईसीई की फेलो बनने से पहले, सबसे कम उम्र की और इंस्टीट्यूशन ऑफ सिविल इंजीनियर्स, लंदन क्षेत्र की पहली महिला अध्यक्ष बनना शामिल हैं। दो साल बाद, उन्होंने ‘पृथ्वी के लिए जलवायु परिवर्तन परामर्श योजना’ की स्थापना की। (एजेंसी)