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Pic: Newsweek

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    नई दिल्ली/ल्वीव (यूक्रेन).  आज रूस यूक्रेन के बीच चल रहे जंग (Russia Ukraine War) को एक महीने से ज्यादा हो गया है। बीते 32 दिनों से चल रही इस जंग में हजारों लोगों की जान अब तक जा चुकी है। वहीं लाखों लोग अपने अपने परिवार की जान बचाने के लिए पड़ोसी देशों में भी अब पलायन कर चुके हैं। इधर यूक्रेन पर लगातार कर रहे हमलों के बीच रूस पर अमेरिका सहित कई बड़े देशों ने तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन इससे हासिल तो अब तक कुछ नहीं हुआ है। 

    इधर यूक्रेन के पश्चिमी शहर ल्वीव पर रूस की ओर से रॉकेट हमले जारी हैं, जो इस बात के संकेत हैं कि रूस देश के केवल पूर्वी हिस्से को निशाना बनाने के अपने दावों के बावजूद देश के अन्य स्थानों पर भी हमला कर रहा है। लगातार हवाई हमलों ने शहर को दहला दिया है। अभी तक सुरक्षित माने जा रहे इस शहर में आस पास के क्षेत्रों के कम से कम 200,000 लोगों ने शरण ली हुई है। 

    इसके साथ ही रूस द्वारा किए जा रहे तानाड़तोड़ हमलों के मध्य राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने अब माना है कि,यूक्रेनी सेना के पास अतिरिक्त टैंकों, विमानों के बिना मारियुपोल को बचाना असंभव है। यूक्रेन रूसी मिसाइलों को अपने शॉटगन और मशीनगनों से नहीं मार सकता। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस के व्लादिमीर पुतिन की भयंकर निंदा की। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कसाई बताया है।

    उन्होंन कहा कि, दुनिया को उदार लोकतंत्र के लिए किसी को भी क्रूर निरंकुश शासक नहीं चाहिए। उन्होंने यूरोप की चार दिवसीय यात्रा के दौरान कहा कि भगवान के लिए, यह आदमी अब और सत्ता में नहीं रह सकता। जिस पर रूस ने कहा कि पुतिन को देश की जनता ने चुना है।

    इधर यूक्रेनी मीडिया, द कीव इंडिपेंडेंट के ट्वीट के मुताबिक, अब तक यूक्रेन ने रूस के 16,400 जवानों को मार गिराया है। जबकि 117 प्लेन, 127 हेलिकॉप्टर्स, 575 टैंक, 293 आर्टिलरी, 1640 बख्तरबंद गाड़ियों, 91, एमएलआरएस और 7 नावों को भी तबाह कर दिया है। इसके अलावा 56 यूएवी, 51 एंटी एयरक्राफ्ट वॉरफेयर, 2 खास उपकरण, 1,131 व्हीकल्स, 73 फ्यूल टैंक भी अब तक नेस्तनाबूद कर दिए हैं।वहीं इन सबके बीच अपने सैन्य अभियान पर अब रूस ने राजधानी कीव समेत पूरे यूक्रेन पर कब्जे की योजना से पीछे हटने के बड़े संकेत दे दिये हैं। दरअसल रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा, कि वह अब सिर्फ दोनबास इलाके को मुक्त कराने पर ही अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है।