Nirav Modi

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    लंदन: भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को यूके की हाईकोर्ट (UK High Court) से बड़ा झटका लगा है। अदालत ने भारत (India) प्रत्यर्पण के आदेश पर रोक लगाने वाली याचिका को ख़ारिज कर दिया है। अदालत के इस निर्णय के बाद मोदी को भारत वापस लाने का रास्ता साफ हो गया है। 

    न्यायाधीश ने मोदी की दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रस्तुत किए दस्तावेजों को पढ़ते हुए  कहा कि, “धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले पर निचली अदालत ने जो आदेश दिया है, उसके खिलाफ याचिका दायर करने के लिए नीरव मोदी के पास ठोस साबुत नहीं है। इसलिए याचिका को खारिज किया जाता है।”

    ज्ञात हो कि, हिरा कारोबारी नीरव मोदी ने अपने मामा मेहुल चौकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक से 14 हजार करोड़ रुपए का फ्रॉड किया था। इस घोटाले को अंजाम देने के बाद नीरव एक जनवरी 2018 को लंदन भगा गया था। जिसके बाद भारत सरकार ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद लंदन की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। 

    ब्रिटेन सरकार ने दी अपनी मंजूरी 

    लंदन की निचली अदालत ने मोदी को भारत वापस भेजने का आदेश दिया था। जिसके बाद 15, अप्रैल 2021 को यूके की गृह सचिव प्रीति पटेल ने आदेश दिया था कि 50 साल के नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाए।

    सरकार ने जप्त की 18, 000 करोड़ की संपत्ति 

    केंद्र सरकार देश को हजारों करोड़ रुपए का घोटाला कर विदेश भागने वाले नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या पर शिकंजा कसता जारहा है। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय ने तीनों भगोड़ों की कुल 18, 172  करोड़ रुपए की ज्यादा संपत्ति को जप्त कर लिया है, जो बैंकों को हुए कुल नुकसान का 80.45 प्रतिशत है। इसी के साथ करीब 9371.17 करोड़ रुपये की संपत्ति बैंकों के नाम की गई है।