camel flu
File Photo: PTI

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    नई दिल्ली/लंदन. कतर में चल रहे फीफा विश्व कप (FIFA World Cup) को देखने के लिए दुनियाभर से लोग आ रहे हैं। इस बीच, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यहां से लौट रहे फैंस को चेतावनी दी है। उनका कहना है कि कतर से लौट रहे लोगों के जरिए ऊंटों में पाया जाने वाला ‘कैमल फ्लू’ (Camel Flu) फैल सकता है। यह वायरस कोविड-19 (COVID-19) से भी खतरनाक बताया जा रहा है। इस वायरस को लेकर ब्रिटेन ने अलर्ट जारी कर अपने मेडिकल स्टाफ को सतर्क रहने को कहा है।

    यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (यूकेएचएसए) ने डॉक्टरों को सांस लेने में तकलीफ और बुखार से पीड़ित लोगों का पता लगाने को कहा है। यूकेएचएसए ने कहा कि, “यूके के निवासियों के लिए संक्रमण का जोखिम बहुत कम है, लेकिन इस क्षेत्र के भीतर जोखिम कारकों के संपर्क में आने वालों में इसका खतरा अधिक हो सकता है।”

    ऐसे फैल सकता है वायरस?

    द सन ने यूके की स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा भेजे गए एक ब्रीफिंग नोट की सूचना दी है, जिसमें कहा गया है, “स्‍वास्‍थ्‍यकर्मी और पब्लिक हेल्‍थ टीम कतर से लौट रहे यात्रियों में खासतौर पर मर्स (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम) वायरस के फैलने की आशंका को लेकर अलर्ट रहें। ब्रिटेन के लोगों में इसके फैलने का खतरा कम है लेकिन जो लोग ऊंटों के संपर्क में आते हैं, उनके अंदर यह ज्यादा हो सकता है। मर्स वायरस ऊंटों के संपर्क में आने या ऊंटों से जुड़े प्रोडक्ट का सेवन करने से फैल सकता है। इसमें ऊंटनी का दूध भी शामिल है।”

    कतर में कितने मामले आए सामने?

    बता दें कि कतर में इस साल मर्स वायरस के दो मामले सामने आ चुके हैं। ये दोनों ही लोग ऊंटों के संपर्क में आए थे। वहीं, विश्व कप टूर्नामेंट शुरू होने से पहले, मर्स वायरस की चपेट में आने के डर से प्रशंसकों को जानवरों से दूर रहने की चेतावनी दी गई थी।

    कब और कहा मिला था पहला केस?

    रिपोर्ट के अनुसार यह वायरस कोविड-19 से ज्यादा घातक है, इसके एक तिहाई से अधिक मरीजों की मौत हो जाती है। कोविड-19 से पीड़ित 4 प्रतिशत लोगों की ही मौत होती है। इसका पहला केस 2012 में सऊदी अरब में सामने आया था। यह एक श्वसन रोग है। यह एक व्‍यक्ति से दूसरे व्‍यक्ति में फैल सकता है।

    अब तक 900 से अधिक लोगों की मौत

    उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2012 से लेकर अक्टूबर 2022 तक खाड़ी के 12 देशों में मर्स वायरस के 2600 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें से 935 लोगों की मौत हो गई है। यह कुल 36 प्रतिशत के करीब है। चौंकाने वाली बात यह है कि मर्स वायरस से पीड़ित कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं था। जबकि, अन्‍य लोगों ने बुखार, कफ, सांस लेने में कठिनाई, डायरिया और उल्टी की शिकायत की थी।