Macau closes its office in Taipei amid rising Chinese pressure

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    बीजिंग: चीन (China) की संसद ने तिब्बत (Tibet) में ब्रह्मपुत्र (Brahmaputra) पर बांध बनाने संबंधी 14वीं पंचवर्षीय योजना को गुरुवार को मंजूरी दे दी है। चीनी संसद ने अरबों डॉलर की लागत वाली परियोजनाओं संबंधी 14वीं पंचवर्षीय योजना को मंजूरी दी। इसमें अरुणाचल प्रदेश सीमा के निकट तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर विवादास्पद जल विद्युत परियोजना भी शामिल है, जिस पर भारत ने चिंता जताई है।

    सरकारी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार चीन की शीर्ष विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने छह दिवसीय सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए 14वीं पंचवर्षीय योजना (2021-2025) को मंजूरी दी। एनपीसी में दो हजार से अधिक सदस्य हैं जिनमें से ज्यादातर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से है। सत्र में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, प्रधानमंत्री ली क्विंग और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया।

    एनपीसी ने विकास के एक ऐसे खाके को भी मंजूरी दी है जिसमें चीन के विकास को गति देने के लिए 60 प्रस्ताव शामिल हैं। इसे पिछले साल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (Communist Party of China) (सीपीसी) ने पारित किया था। 14वीं पंचवर्षीय योजना में ब्रह्मपुत्र नदी की निचली धारा पर बांध बनाना शामिल था, जिस पर भारत और बांग्लादेश ने चिंता जताई थी।

    चीन ने इस तरह की चिंताओं को दूर करते हुए कहा है कि वह उनके हितों को ध्यान में रखेगा। भारत सरकार ने लगातार चीनी अधिकारियों को अपने विचार और चिंताओं से अवगत कराया है और उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि उसकी किसी भी गतिविधि से उसके हितों को नुकसान न पहुंचे। तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के कम्युनिस्ट पार्टी के उप प्रमुख चे दलहा ने एनपीसी सत्र के दौरान कहा कि वहां के अधिकारियों को ‘‘इस वर्ष (बांध का) निर्माण शुरू करने का प्रयास करना चाहिए।”