monkeypox
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    लंदन. लंदन (London) में दो व्यक्तियों के मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox virus) से संक्रमित होने का पता चला है। इसकी पुष्टि ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी (यूकेएचएसए) ने शनिवार को की। पिछले सप्ताह एजेंसी ने एक घर में संक्रमण के मामले सामने आने की पुष्टि की थी और जो लोग संक्रमित मिले उन्होंने हाल में नाइजीरिया की यात्रा की थी।

    माना जा रहा है कि ये लोग वहीं पर संक्रमण की चपेट में आए। संक्रमण के नए मामले में इसी घर में मिले हैं, लेकिन इनका संबंध पूर्व के मामलों से नहीं है। दोनों नये व्यक्तियों को संक्रमण कहां से हुआ कैसे हुआ, इसकी जांच की जा रही है।

    आसानी से नहीं फैलता वायरस

    यूकेएचएसए के क्लीनिकल एंड इमर्जिंग इंफेक्शंस के निदेशक डॉ. कॉलिन ब्राउन ने कहा, “हमने ब्रिटेन में मंकीपॉक्स के दो नये मामलों की पुष्टि की है जो 7 मई को घोषित मामले से जुड़े नहीं हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमण के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच जारी है, इस बात पर जोर देना महत्वपूर्ण है कि यह लोगों के बीच आसानी से नहीं फैलता है। संक्रमित होने के लिए किसी व्यक्ति के संक्रमित लक्षण वाले व्यक्ति के साथ निकट व्यक्तिगत संपर्क में होना जरूरी है। आम जनता के लिए समग्र जोखिम बहुत कम है।”

    क्या है मंकीपॉक्स?

    विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के मुताबिक, इंसानों में पहली बार मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि 1970 में अफ्रीकी देश कांगो में हुई थी। यह वायरस अब अफ्रीका के 11 देशों में मौजूद हैं। इसके शुरुआत मामले 1958 में सामने आए थे। जब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में ये बीमारी फैली।

    कितना खतरनाक है मंकीपॉक्स वायरस?

    हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, मंकीपॉक्स वायरस, चिकनपॉक्स वायरस फैमिली से संबंधित है। इसमें शरीर पर बड़े-बड़े छाले जैसे दाने आते हैं। इस वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से अन्य व्यक्ति को संक्रमण का खतरा हो सकता है। एक्सपर्ट्स की माने तो इस वायरस का संक्रमण काफी गंभीर हो सकता है। 

    क्या है मंकीपॉक्स के लक्षण?

    विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक, मंकीपॉक्स वायरस होने के बाद 6 से 13 दिन में लक्षण दिखने शुरू होते हैं। संक्रमित व्यक्ति को बुखार, तेज सिरदर्द, पीठ और मांसपेशियों में दर्द के साथ गंभीर कमजोरी महसूस हो सकती है। लिम्फ नोड्स की सूजन इसका सबसे आम लक्षण माना जाता है। संक्रमित शख्स के शरीर पर बड़े-बड़े छाले जैसे दाने आते हैं। अगर संक्रमण गंभीर हो तो ये दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं।