More than 100 including Buddhist monks arrested for protesting against dam in China
सिचुआन बांध विरोध (PIC Credit: Social Media)

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बीजिंग: चीन (China) के दक्षिणी-पूर्वी सिचुआन प्रांत (Sichuan) में एक विशालकाय बांध (Dam) के निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन को कुचलने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने बौद्ध भिक्षुओं (Buddhist monks) समेत 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई और कहा गया कि इस बांध के निर्माण से छह बौद्ध मठ डूब जाएंगे और दो गांवों के लोगों को स्थानांतरित करना पड़ेगा।   

बगावत के इस दुर्लभ मामले के तहत गार्जे तिब्बती स्वायत्त प्रान्त में डेगे काउंटी के वांगबुडिंग टाउनशिप के निवासी 14 फरवरी से सड़क पर उतरकर ड्रिचु नदी (चीनी भाषा में जिंशा) पर 2,240 मेगावाट के गंगटुओ जलविद्युत परियोजना के निर्माण का विरोध कर रहे हैं। ‘रेडियो फ्री एशिया’ ने बृहस्पतिवार को बताया कि यह बांध यांग्त्जी नदी के ऊपरी हिस्से पर स्थित है, जो चीन के सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है।

विरोध प्रदर्शन 14 फरवरी को शुरू हुआ, जब कम से कम 300 तिब्बती सार्वजनिक समारोहों पर सख्त नियंत्रण और सिचुआन एवं तिब्बत क्षेत्रों में अधिकारियों द्वारा व्यापक निगरानी की अवहेलना करते हुए बांध निर्माण का विरोध करने के लिए डेगे काउंटी टाउन हॉल के बाहर एकत्र हुए। लोगों को कथित तौर पर सिचुआन के कार्दजे तिब्बती स्वायत्त प्रान्त में गिरफ्तार किया गया जो तिब्बतियों की एक बड़ी आबादी वाला क्षेत्र है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों में से कुछ को सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए पानी की बौछारें करने समेत अन्य कदम उठाए। विरोध प्रदर्शनों के वीडियो में भिक्षुओं को अधिकारियों के सामने झुका हुआ दिखाया गया है। वीडियो में भिक्षु अधिकारियों से यह अनुरोध करते दिख रहे हैं कि वे विध्वंस का सहारा नहीं लेंगे।  

सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने इसके पहले बताया था कि 4.6 अरब अमेरिकी डॉलर की येबातन जलविद्युत परियोजना, जिंशा नदी के ऊपरी क्षेत्र में सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना होगी। प्रस्तावित परियोजना स्थल के करीब स्थित वोंटू और येना मठ, देग काउंटी में येना, वोंटू और खरधाओ मठ और अपर वोंटू तथा शिपा गांव तथा छामदो कस्बे में रेब्तेन, गोंसार और ताशी मठों के प्रभावित होने की संभावना है। इन दोनों गांवों में करीब दो हजार लोग रहते हैं और बांध परियोजना से उन्हें विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

(एजेंसी)