A madrasa student arrested in Peshawar Madrasa blast case of Pakistan, a Madrasa cleric was on target

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    पेशावर: पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार को एक मस्जिद में नमाज के दौरान हुए आत्मघाती हमले में मृतकों की संख्या बढ़कर 100 हो गई है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, हमलावर दोपहर की नमाज के समय अग्रिम पंक्ति में था, जब उसने विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया। विस्फोट से मस्जिद की छत गिर पड़ी, जिससे नमाज पढ़ने वाले मलबे के नीचे दब गए। लेडी रीडिंग हॉस्पिटल (एलआरएच) के प्रवक्ता मोहम्मद असीम ने कहा कि अस्पताल में 100 शव लाए गए।

    असीम ने कहा कि 53 घायलों का अभी इलाज जारी है, जबकि सात को गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर घायल खतरे से बाहर हैं। घटना में हताहत हुए ज्यादातर लोग पुलिसकर्मी थे। मृतकों में कम से कम एक पुलिस उपाधीक्षक, पांच उप-निरीक्षक और मस्जिद के इमाम मौलाना साहिबजादा नूरुल अमीन शामिल थे।

    पाकिस्तानी तालिबान के नाम से कुख्यात तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि यह पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान में मारे गए टीटीपी कमांडर उमर खालिद खुरासानी के बदले में किए गए हमले का हिस्सा था। पेशावर पुलिस नियंत्रण कक्ष के अनुसार, 200 से अधिक घायलों को लेडी रीडिंग अस्पताल ले जाया गया।

    पेशावर के कैपिटल सिटी पुलिस ऑफिसर (सीसीपीओ) एजाज खान ने ‘जियो टीवी’ को बताया कि विस्फोट स्थल से संदिग्ध आत्मघाती हमलावर का सिर बरामद किया गया है। संदिग्ध हमलावर की पहचान मोहमंद एजेंसी के सलीम खान के 37 वर्षीय पुत्र मोहम्मद अयाज के रूप में हुई है। खान ने कहा ‘‘यह संभव है कि हमलावर विस्फोट से पहले ही पुलिस लाइन में मौजूद था और हो सकता है कि उसने (प्रवेश करने के लिए) एक आधिकारिक वाहन का इस्तेमाल किया हो।”

    उन्होंने कहा आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) मामले की जांच कर रहा है। हमलावर पुलिस लाइन के अंदर अत्यधिक सुरक्षित मस्जिद में घुस गया, जहां सुरक्षा के चार स्तर थे। प्रांतीय पुलिस प्रमुख मोअज्जम जाह अंसारी ने कहा कि वे विस्फोट की जांच कर रहे हैं और इस बात की भी तहकीकात कर रहे हैं कि हमलावर पुलिस लाइन इलाके में बेहद सुरक्षा वाली मस्जिद में कैसे घुसा। उन्होंने बताया कि विस्फोट में 10-12 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। विस्फोट की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को भेज दी गई है।

    सुरक्षा खामियों पर गौर करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की निंदा की है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी हमले पर दुख जताया। पिछले साल शहर के कोचा रिसलदार इलाके में एक शिया मस्जिद में ऐसे ही हमले में 63 लोगों की जान चली गयी थी।

    टीटीपी पाकिस्तान सरकार के साथ संघर्षविराम से पीछे हट गया है और उसने अपने आतंकवादियों को देशभर में आतंकवादी हमला करने का हुक्म जारी किया है। उस पर 2009 में सेना मुख्यालय, सैन्य अड्डों पर हमले, 2008 में मैरियट होटल में बम विस्फोट समेत कई घातक हमलों में शामिल होने का आरोप है। इसे अल कायदा का करीबी बताया जाता है। (एजेंसी)