Wheat will reach Afghanistan from India via Pakistan, Imran Khan said - will favourably consider
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    इस्लामाबाद. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Pakistan PM Imran Khan) ने शीत युद्ध की उभरती मानसिकता की बृहस्पतिवार को आलोचना की और कहा कि उनका देश किसी राजनीतिक गुट का हिस्सा नहीं बनना चाहता है, बल्कि अमेरिका एवं चीन के बीच अंतराल को पाटने में एक भूमिका निभाना चाहता है। ‘शांतिपूर्ण एवं समृद्ध दक्षिण एशिया’ विषय पर इस्लामाबाद कॉनक्लेव 2021 को संबोधित करते हुए खान ने चीन और अमेरिका के बीच एक नये शीत युद्ध के खतरे तथा क्षेत्र में शांति की अपनी परिकल्पना के बारे में विचार रखे।

    उन्होंने कहा, “स्थिति एक (नये) शीत युद्ध की ओर ले जा रही है और गुटों का निर्माण हो रहा है। पाकिस्तान को इन गुटों के निर्माण को रोकने की अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश करनी चाहिए क्योंकि हमें किसी गुट का हिस्सा नहीं होना चाहिए।”

    खान ने कहा कि विश्व और पाकिस्तान को अतीत में महाशक्तियों के बीच प्रतिद्वंद्विता से नुकसान उठाना पड़ा है तथा वह किसी नये टकराव के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चिर प्रतिद्वंद्वी सउदी अरब और ईरान के बीच तनाव घटाने की कोशिश करेगा तथा “दोनों देशों ने इस बात की सराहना की है कि हमनें एक बहुत नाजुक समय में अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश की, जब उनके बीच संघर्ष हो सकता था।”

    खान ने कहा कि पाकिस्तान के चीन और अमेरिका से अच्छे संबंध हैं और दोनों देशों के बीच बढ़ती दूरियों को रोकने के लिए अमेरिका-चीन संबंधों में मौजूदा तनाव में इसी तरह की एक भूमिका निभाना चाहता है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका और चीन के बीच संबंध अब तक के अपनी सबसे खराब दौर से गुजर रहा है। दोनों देशों के बीच,व्यापार, विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक सैन्य गतिविधियों और हांगकांग, तिब्बत व शिंजियांग क्षेत्र में मानवाधिकारों के हनन सहित कई मुद्दों पर टकराव चल रहे हैं।

    खान का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा आयोजित लोकतंत्र सम्मेलन से पाकिस्तान के दूर रहने के बीच आया है। बाइडन ने नौ-10 दिसंबर को डिजिटल माध्यम से आयोजित सम्मेलन में करीब 110 देशों को आमंत्रित किया है। पाकिस्तान के मित्र देश चीन को सम्मेलन में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया है।

    खान ने भारत के साथ संबंधों के बारे में भी बात करते हुए दोहराया कि कश्मीर सबसे बड़ा मुद्दा है जिसने दक्षिण एशिया में शांति को बंधक बना रखा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने शांति बहाल करने के लिए भारत से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

    उन्होंने कहा कि कश्मीर विवाद का हल हो जाने के बाद प्रदूषण सहित अन्य मुद्दों का भी संयुक्त रूप से समाधान किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “जब तक दोनों देश साथ बैठ कर बातचीत नहीं करेंगे, धुंध को नियंत्रित करने के लिए लाहौर में हम कितनी भी कोशिशें कर लें, हम सिर्फ समस्या का आधा हिस्सा ही हल कर पाएंगे।” (एजेंसी)