Research claims: Omicron infected who have been vaccinated are less likely to be admitted to ICU

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    लॉस एंजिलिस: अमेरिका (America) में हुए एक अध्ययन (Research) में संकेत मिला है कि कोविड-19 (Covid-19) रोधी टीके (Corona Vaccine) की खुराक लेने के बाद कोरोना वायरस (Corona Vaccine) के ओमीक्रोन (Omicron) स्वरूप से संक्रमित मरीजों के टीका नहीं लेने वालों के मुकाबले गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती होने की आशंका कम है। इस अनुसंधान पत्र को अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम (सीडीसी) की साप्ताहिक रिपोर्ट में प्रकाशित किया गया है।

    अध्ययन में यह भी पाया गया कि ओमीक्रोन संक्रमण काल में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की डेल्टा स्वरूप के संक्रमण की वजह से भर्ती होने वाले मरीजों के मुकाबले कम मौत हुई। अमेरिका स्थित सिडर्स-सिनाई मेडिकल सेंटर में फेफड़ा रोग विशेषज्ञ और अनुसंधानपत्र के सह लेखक मैथ्यू मोड्स ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर ओमीक्रोन से संक्रमित लोगों के आईसीयू में भर्ती होने की आशंका कम है और डेल्टा स्वरूप से संक्रमण के मुकाबले वेंटिलेटर पर जाने की भी आशंका कम है।”

    इस नतीजे पर पहुंचने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने जुलाई से सितंबर 2021 के बीच सिडर्स-सिनाई मेडिकल सेंटर में भर्ती 339 कोविड-19 संक्रमित मरीजों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। उस समय कोरोना वायरस का डेल्टा स्वरूप सबसे अधिक संक्रमित कर रहा था। अनुसंधानकर्ताओं ने उपरोक्त आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन मेडिकल सेंटर में दिसंबर 2021 से जनवरी 2022 के बीव कोविड-19 के 737 मरीजों के आंकड़ों से किया जब ओमीक्रोन स्वरूप अधिक प्रभावी था। अध्ययन के लिए मरीजों की चिकित्सा जानकारी इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड से एकत्र की गई।

    आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि ओमीक्रोन के प्रसार के दौरान अस्पताल में भर्ती अधिकतर मरीजों ने वर्ष 2021 की गर्मियों के दौरान जब डेल्टा स्वरूप का संक्रमण था मुकाबले टीकाकरण करा लिया था। सिडर्स-सिनाई में वरिष्ठ अनुसंधान पत्र लेखक पीटर चेन ने कहा, ‘‘ जब ओमीक्रोन का प्रभाव बढ़ा तो लोगों को टीकाकरण से मिली सुरक्षा के अलावा हमने देखा कि बूस्टर खुराक की भूमिका भी लक्षणों की गंभीरता को कम करने में अहम हैं, खासतौर पर बुजर्गों में।”

    उन्होंने कहा, ‘‘ओमीक्रोन के संक्रमण के दौरान टीकाकरण कराने वालों के मुकाबले बिना टीकाकरण वाले मरीजों के गंभीर लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती होने और उनके श्वास संबंधी गंभीर समस्या होने की अधिक आशंका है।”(एजेंसी)