Partnership with India is one of the important relations said America, USA
PM Narendra Modi and US President Joe Biden AP/PTI Photo

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वाशिंगटन. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ साझा हितों से जुड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के उद्देश्य से उच्च स्तरीय वार्ता के लिए व्हाइट हाउस में मुलाकात की। इसका मकसद रक्षा, अंतरिक्ष, स्वच्छ ऊर्जा और महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी सहित भारत अमेरिका सामरिक संबंधों को और गति प्रदान करना है। व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में मोदी और बाइडन ने आमने सामने की बैठक की। इसके बाद शिष्टमंडल स्तर की वार्ता होगी।

दोनों नेताओं के बीच 24 घंटे के भीतर यह दूसरी बार संवाद हुआ। बैठक के दौरान शुरूआती संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने उनके और उनके प्रतिनिधिमंडल के स्वागत के लिए राष्ट्रपति बाइडन को शुक्रिया कहा। पीएम ने कहा, “जिस गर्मजोशी से आपने मेरा और मेरे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया उसके लिए मैं आपका शुक्रिया करता हूं। मैं विशेष रूप से आपका आभार व्यक्ति करता हूं कि आज आपने व्हाइट हाउस का द्वार भारतीय समुदाय के लोगों के लिए खोले।”

पीएम ने कहा, “आप हमेशा भारत के शुभचिंतक रहे हैं और जब भी आपको अवसर मिला आपने हमेशा भारत-अमेरिका के रिश्तों को ताकत दी है। मुझे याद है कि 8 साल पहले आपने यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल में महत्वपूर्ण बात कही थी। आपने कहा था कि ‘हमारा लक्ष्य भारत का सबसे अच्छा मित्र बनना है’। यह आपके शब्द आज भी गूंज रहे हैं।”

पीएम मोदी ने कहा, “जब कभी दो देशों के बीच बात की जाती है तो अकसर औपचारिक सांझा बयान, काम करने वाला समहू और आमतौर पर उसी दायरे पर बात होती है। इसका अपना महत्व है लेकिन भारत अमेरिका के रिश्तों का असली इंजन हमारे मज़बूत लोगों से लोगों का रिश्ता है। इस इंजन की जोरदार दहाड़ हमने व्हाइट हाउस के बाहर सुनी थी।”

उन्होंने कहा, “आज की तेजी से बदल रहे वैश्विक स्थिति में सभी की नज़र विश्व के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत और अमेरिका पर है। मेरा मानना है कि हमारी रणनीतिक साझेदारी मानव जाति के कल्याण, वैश्विक शांति और स्थिरता, लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखने वाली सभी ताकतों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।”

पीएम मोदी ने कहा, “दोनों देशों के साथ संबंधों को लेकर आपकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता के कारण अंतरिक्ष की ऊंचाइयों से लेकर समुद्र की गहराइयों तक, प्राचीन सभ्यता से लेकर कृत्रित बुद्धिमता तक हर क्षेत्र में हम कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि राजनयिक दृष्टि से जब भी दो देशों के बीच संबंधों की बात की जाती है तब अक्सर संयुक्त बयान, कार्य समूह, समझौता ज्ञापन के दायरे में होती है, इसका भी अपना महत्व है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक स्वागत का गवाह बनने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय बूंदाबांदी के बीच व्हाइट हाउस के ‘साउथ लॉन’ में जमा थे। व्हाइट हाउस के प्रांगण में स्वागत समारोह में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके पति डगलस एमहॉफ मौजूद थे। स्वागत समारोह में काफी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग मौजूद थे और वे ‘अमेरिका, अमेरिका’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगा रहे थे। स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह जल्द ही राष्ट्रपति बाइडन के साथ बैठक करेंगे जिसमें क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारी वार्ता सकारात्मक होगी।” मोदी ने कहा कि दोनों देश वैश्विक अच्छाई, शांति, स्थिरता के लिए काम करेंगे और दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध 21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण संबंध हैं। बाइडन ने कहा कि दोनों देश आज जो निर्णय लेंगे वे आने वाली पीढ़ियों का भविष्य निर्धारित करेंगे। बाइडन दंपति व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री मोदी के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे, जिसमें 400 मेहमानों के शामिल होने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री मोदी 22 जून को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे। व्हाइट हाउस ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘यह यात्रा अमेरिका और भारत के बीच घनिष्ठ और करीबी साझेदारी तथा परिवार एवं मित्रता के गर्मजोशी भरे संबंधों को और मजबूत करेगी जो अमेरिकियों तथा भारतीयों को एक साथ जोड़ता है।”

बयान में कहा गया, “यह यात्रा मुक्त, खुले, समृद्ध और सुरक्षित हिंद-प्रशांत के लिए हमारे दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को मजबूत करेगी और रक्षा, स्वच्छ ऊर्जा एवं अंतरिक्ष सहित प्रौद्योगिकी साझेदारी को बढ़ाने के साझा संकल्प को मजबूत करेगी।” (एजेंसी इनपुट के साथ)