UAE President Sheikh Khalifa bin Zayed Al Nahyan passes away
नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान (Sheikh Khalifa bin Zayed Al Nahyan) का निधन हो गया है। यूएई की सरकारी न्यूज एजेंसी WAM ने इसकी पुष्टि की है। वह अबू धाबी अमीरात के शासक भी थे। राष्ट्रपति जायद अल नहयान काफी दिनों से बीमार थे। उन्होंने 73 साल की उम्र में अंतिम साँस ली।
यूएई की सरकार ने जायद अल नहयान के निधन पर 40 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि देश में झंडों को आधा झुका हुआ फहराया जाएगा। इसके अलावा देश के सभी निजी और सरकारी सेक्टर्स में तीन दिनों के लिए अवकाश रहेगा। दुबई मीडिया ऑफिस की ओर से राष्ट्रीय शोक के ऐलान की जानकारी दी गई है।
وتعلن وزارة شؤون الرئاسة الحداد الرسمي وتنكيس الاعلام على المغفور له صاحب السمو الشيخ #خليفة_بن_زايد_آل_نهيان " رحمه الله " مدة 40 يوماً اعتباراً من اليوم وتعطيل العمل في الوزارات والدوائر والمؤسسات الاتحادية والمحلية والقطاع الخاص 3 أيام اعتباراً من اليوم
— UAEGOV (@UAEmediaoffice) May 13, 2022
देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक,शेख खलीफा का जन्म 1948 में हुआ था। वे 2004 में सत्ता में आए थे, तब से राष्ट्रपति पद संभल रहे थे। उनसे पहले उनके पिता शेख जायद बिन सुल्तान अल नहयान राष्ट्रपति थे। वह 1971 से नवंबर, 2004 तक देश के मुखिया थे। शेख खलीफा यूएई के दूसरे राष्ट्रपति थे और आबू धाबी के 16वें शासक थे। वे शेख जायद के सबसे बड़े बेटे थे। उन्होंने ने उनके कार्यकाल में देश के विकास की और ज्यादा ध्यान केंद्रित किया था। वहीं, शेख खलीफा यूएई और आबू धाबी के प्रशासन को पुनर्गठित करने में अहम भूमिका अदा की थी और कई सुधारों को लागू किया था।
उल्लेखनीय है कि, सयुंक्त अरब अमीरात को गैस और तेल के सेक्टर को आगे बढ़ाने में शेख खलीफा जायद अल नहयान का अहम योगदान रहा है। इन सबके आलावा उनके शासन काल में अन्य उद्योगों का भी उतना ही विकास हुआ है। शेख खलीफा ने यूएई के उत्तरी इलाकों के विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो अन्य क्षेत्र के मुकाबले थोड़ा पिछड़ा था। उन्होंने इस क्षेत्र में हाउसिंग, एजुकेशन और सोशल सर्विसेज को बढ़ावा देने का काम किया। वहीं, शेख खलीफा ने उनके कार्यकाल से यूएई में फेडरल नेशनल काउंसिल के सदस्यों के प्रत्यक्ष निर्वाचन की शुरुआत की थी।