(प्रतीकात्मक तस्वीर)
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

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    वेलिंगटन (न्यूजीलैंड): एक हवाई अड्डे की हवाई पट्टी पर राख की एक मोटी परत जमने से प्रशांत द्वीपीय राष्ट्र टोंगा में सहायता सामग्रियां पहुंचाने में देरी हो रही है। टोंगा में समुद्र के नीचे एक विशाल ज्वालामुखी फटने और सुनामी आने से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ था। न्यूजीलैंड की सेना इस वक्त सबसे जरूरी पेयजल और अन्य सामग्रियां भेज रही है लेकिन कहा कि हवाई पट्टी पर जमी राख के चलते विमान को पहुंचने में कम से कम एक दिन की देरी होगी। 

    शनिवार के विस्फोट के बाद से राख के ऊंचे होते ढेर ने इससे पहले की उड़ानों को भी यहां नहीं पहुंचने दिया। न्यूजीलैंड टोंगा तक नौसेना के दो पोत भी भेज रहा है जो मंगलवार को रवाना होंगे। साथ ही उसने राहत एवं पुनर्विकास प्रयासों के तहत 10 लाख न्यूजीलैंड डॉलर यानी 6,80,000 डॉलर की शुरुआती राशि देने की भी प्रतिबद्धता जताई है। ऑस्ट्रेलिया ने भी सिडनी से ब्रिसबेन तक एक नौसैन्य पोत भेजा है ताकि जरूरत पड़ने पर सहायता मिशन की तैयारी पूरी हो। 

    वहीं पेरू की राजधानी लीमा से मिल रही खबरों के मुताबिक, असामान्य ऊंची लहरों के कारण समुद्र के नीचे ज्वालामुखी फटने से पेरू तट पर तेल का रिसाव हो गया लेकिन अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि रिसाव को कुछ ही घंटे में नियंत्रित कर लिया गया और इलाके को साफ करने का कार्य जारी है।

    पेरू के नागरिक सुरक्षा संस्थान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि एक पोत पर रविवार को प्रशांत तट पर ला पैम्पिला रिफाइनरी में तेल भरा जा रहा था, जब तेज लहरों से पोत हिलने लगा और तेल फैल गया। सरकार ने यह नहीं बताया कि कितना गैलन तेल बिखर गया था। (एजेंसी)