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सिरोंचा. सरकार लोगो के आवाजाही में सुविधा एवं सुरक्षा को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर सड़क पुलियां निर्माण कर रही है. कुछ एक संदर्भों पर जिम्मेदार प्रशासन के उदासीनता के अभाव में कुछ सड़कों एवं पुलिया पर से गुजरना खतरे से कम नहीं आंका जाता है. चाहे ये मार्ग राजमार्ग हो या फिर ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें हो. कुछ ऐसा ही आलम इन दिनों राजमार्ग 353 c की बनी हुई है. जहां सड़क गड्ढों में तब्दील हो गए हैं. वहीं कुछ पुलियां पर सुरक्षा के उपाय नहीं करने के चलते दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है.

संबंधित विभाग कर रहा अनदेखी
सिरोंचा से होकर बनाई गई राजमार्ग 353 C शहर से महज 7 किमी की दूरी पर निर्माण किए गए मेड़ाराम नाले का पुलिया सुरक्षा उपायों के अभाव के चलते सुर्खियां बटोर रहा है. इन दिनों बरसात के चलते अक्सर नाले में पानी का बहाव बना हुआ है. मगर नाले के दोनों छोरों पर सुरक्षा से जुड़ी सुविधाओं के अभाव में इस पर से गुजरने में खतरा बना हुआ है. जहां विशेषकर पैदल यात्री एवं दुपहिया वाहनधारक अनियंत्रित होने पर सीधे नाले के बहाव के जद में आ सकते हैं. जिससे दुर्घटना की आशंका बनी हुई है.मगर जिम्मेदार विभाग ने अब तक इसकी सुध नहीं ली है. जबकि यह पुलिया तहसील को जिला मुख्यालय से जोड़ने में अहम कड़ी है.

कभी भी घट सकती है बड़ी दुर्घटना
पुलिया से रोजाना स्थानीय वाहनों के अलावा अंतर राज्यीय वाहनों की आवाजाही जारी है. इसके साथ ही उस परिसर के दर्जनों गांवों के लोगों की आवाजाही उसी पुलिया पर से हो रही है. इसके अलावा प्रशासनिक, राजनीतिक, आम जनमानस का भी इसी पुलिया पर आवाजाही होती है. मगर इस ओर ध्यान केंद्रित नहीं दिया है. जानकार बताते हैं कि पुलिया 70 से 80 के दशक के बीच निर्माण किया गया है. जिस पर पूर्व में रिमूवेबल साइड बैरिकेट्स लगे हुए थे. मगर कुछ वर्षों से इन्हें नहीं लगाया जा रहा है.

विभाग के उदासीनता की खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ सकता है. उस क्षेत्र के लोगों की माने तो बीते वर्ष उसी क्षेत्र के एक वाहनधारक अनियंत्रित होकर नाले के तेज बहाव के जद में आने से उसकी मृत्यु हो गयी थी. मृत व्यक्ति का शव तहसील के ही कालेश्वर पुलिया के समीप मिला था. लोगों ने मांग की है कि जिम्मेदार प्रशासन यात्रियों के सर पर मंडराते खतरे को संज्ञान में लेते हुए पुलिया सुरक्षा का उपाय करें. ताकि लोगों की आवाजाही सुविधाजनक एवं सुरक्षित हो सके.