नयी दिल्ली. कांग्रेस ने हाथरस में दलित लड़की से कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के मामले की सीबीआई जांच इलाहाबाद उच्च न्यायालय की निगरानी में किए जाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए मंगलवार को कहा कि इससे इंसाफ की उम्मीद को मजबूती मिलेगी।
हाथरस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला इंसाफ की उम्मीद को मजबूत करता है। परिवार की पहले दिन से माँग थी कि कोर्ट की निगरानी में जाँच हो।
हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार के साथ उप्र सरकार द्वारा जघन्य व्यवहार किया गया। चरित्र हनन किया गया। दुर्भावना व पूर्वाग्रह से निर्णय लिए गए।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 27, 2020
अदालत की निगरानी में हो जांच
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, ‘‘ हाथरस मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला इंसाफ की उम्मीद को मजबूत करता है। परिवार की पहले दिन से मांग थी कि अदालत की निगरानी में जांच हो।” उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘हाथरस की पीड़िता, उसके परिवार के साथ उप्र सरकार द्वारा जघन्य व्यवहार किया गया। चरित्र हनन किया गया। दुर्भावना व पूर्वाग्रह से निर्णय लिए गए।”
हाथरस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कांग्रेस स्वागत करती है…@RahulGandhi @priyankagandhi और कांग्रेस पार्टी की यही मांग थी। अब हाथरस के बेटी को न्याय मिलेगा @sushmitadevinc pic.twitter.com/4OYcVKXZ4m
— रंजीता झा डडवाल (@ranjeetadadwal) October 27, 2020
तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए
कांग्रेस प्रवक्ता और अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा, ‘‘ हाथरस के मामले पर आए उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करती हूं। अदालत की निगरानी में जांच की मांग परिवार ने की थी और इस लड़ाई में राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी ने उनका साथ दिया।” उन्होंने कहा, ‘‘यह ज़रूरी था क्योंकि उत्तर प्रदेश की पुलिस और प्रशासन अन्याय करने पर तुले हुए थे। अगर उत्तर प्रदेश की सरकार प्रदेश की बेटियों को सुरक्षित नहीं रख सकती तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।”</
ये ज़रूरी था क्यूंकि उत्तर प्रदेश की पुलिस और प्रशासन अन्याय करने पर तुले हुए थे. अगर उत्तर प्रदेश की सरकार प्रदेश की बेटियों को सुरक्षित नहीं रख सकती तो प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए !#HathrasCase
— Sushmita Dev (@sushmitadevinc) October 27, 2020
मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो करेगा
गौरतलब है कि न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के हाथरस मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो करेगा और इलाहाबाद उच्च न्यायालय इसकी निगरानी करेगा।