उत्तराखंड स्थापना दिवस: ऐसे उत्तरांचल से उत्तराखंड हुई ‘देव भूमि’

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बेहद खूबसूरत दिखने वाला राज्य उत्तराखंड आज यानी 9 नवंबर को अपना 21वां स्थापना दिवस मना रहा है। इस राज्य ने उत्तर प्रदेश से अलग होकर अपना खुद का एक नाम बनाया है। उत्तराखंड अपनी सुंदरता और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यह दिन पूरे उत्तराखंड वासियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन को बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन कई कार्यक्रमों के आयोजन भी किए जाते हैं। 

पृथक उत्तराखंड की मांग को लेकर कई वर्षों तक चले आंदोलन के बाद आखिरकार 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड को 27वें राज्य के तौर पर भारत के गणराज्य के रूप में शामिल किया गया था। उत्तराखंड को वर्ष 2000 से 2006 तक उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक तौर पर नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया। उत्तराखंड की सीमाएँ उत्तर में तिब्बत और पूर्व में नेपाल से लगी हैं। उत्तराखंड को ‘देवभूमि’ के नाम से भी जाना जाता है। यह राज्य हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र माना जाता है, क्योंकि यहाँ अनेक प्राचीन मंदिर हैं। 

यह हैं प्रदेश के हालात- 

  • प्रदेश का विकास दर- 6.87 प्रतिशत
  • प्रदेश की अर्थव्यवस्था (जीडीपी)
    2018-19     245895 करोड़ रुपये
  • प्रति व्यक्ति आय
    2018-19     198783 रुपये

राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था  

  • 272 आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मेसी 
  • 549 राज्य आयुर्वेदिक एवं यूनानी क्लीनिक
  • 206 आयुष केंद्र आदि की बदौलत वेलनेस एवं आयुष हब के रूप में विकसित होने की ओर

राज्य में शिक्षा को लेकर 

  • 159 उच्च शिक्षण संस्थान
  • 184 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान
  • 71 पॉलिटेक्निक संस्थान
  • 126 तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान
  • राज्य में हैं एशिया के श्रेष्ठ संस्थान
  • आईआईटी रुड़की
  • आईआईएम काशीपुर
  • एम्स ऋषिकेश 

भविष्य की योजनाएं

  • मैदानी जगहों और पर्वतीय क्षेत्र के बीच की विषमता की खाई को कम करना।
  • पलायन इस राज्य की मुख्य परेशानी है। इसलिए गांवों से हो रहे पलायन को रोकना और उन्हें फिर से आबाद करना भी आगे की योजना है।
  • मौसम के बदलाव का सामना करने को कारगर रणनीति पर काम करना।
  • राज्य के बजट का बेहतर प्रबंधन, सरकारी खर्च पर अंकुश और राजस्व के स्रोत बढ़ाना।
  • शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था को ज़्यादा से ज़्यादा बेहतर बनाना।
  • लोगोें की भावनाओं के अनुरूप स्थायी राजधानी की तलाश। 

पर्यटन है यहाँ का मुख्य आय स्त्रोत-
उत्तराखंड अपने खूबसूरत पर्यटन स्थल के लिए दुनियाभर में काफी प्रसिद्ध है। उत्तराखंड में  विश्व भर से लोग आते हैं और यहाँ की खूबसूरती को निहारते हैं। उत्तराखंड का मुख्य आय स्त्रोत पर्यटन के द्वारा है।     

  • वर्ष 2012 में उत्तराखंड ने बेस्ट एमर्जिंग टूरिस्ट अवार्ड हासिल किया। साथ ही योग की राजधानी का खिताब हासिल किया।
  • साल 2017 में राज्य ने बेस्ट एडवेंचर टूरिज्म अवार्ड हासिल किया।   
  • इसके अलावा वर्ष 2018-19 में प्रदेश में 3.66 करोड़ घरेलू पर्यटक और .015 करोड़ विदेशी पर्यटक राज्य में पहुंचे। केदारनाथ सहित चारो धामों भी हैं शामिल। 

यह रहे उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री

  • वर्ष 2000 से 2001 – नित्यानन्द स्वामी (भारतीय जनता पार्टी) 
  • वर्ष 2001 से 2002 – भगत सिंह कोश्यारी (भारतीय जनता पार्टी)
  • साल 2002 से 2007 – नारायण दत्त तिवारी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
  • वर्ष 2007 से 2009 – भुवन चन्द्र खण्डूरी (भारतीय जनता पार्टी)
  • वर्ष 2009 से 2011 – रमेश पोखरियाल निशंक (भारतीय जनता पार्टी)
  • वर्ष 2011 से 2012 – भुवन चन्द्र खण्डूरी (भारतीय जनता पार्टी) 
  • वर्ष 2012 से 2014 – विजय बहुगुणा (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) 
  • वर्ष 2014 से 2016 – हरीश रावत (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
  • वर्ष 2016 में राष्ट्रपति शासन रहा था।
  • वर्ष 2017 से अब तक – त्रिवेन्द्र सिंह रावत (भारतीय जनता पार्टी)