पलायन रोकने 2 दिनों में बनाएं प्रारूप

  • डीएम डॉ. राजेंद्र भारुड का ग्राम पंचायतों को आदेश

Loading

नंदुरबार. जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र भारूड़ (DM Dr. Rajendra Bharud) ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi Employment Guarantee Scheme) के तहत ग्राम पंचायतों को 2021-2022 की योजनाओं का दो दिनों में अंतिम प्रारूप बनाने का आदेश दिया है. साथ ही 2020-21 के लिए पूरक योजनाओं को तत्काल प्रस्तुत करने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. वे जिला कलेक्टर कार्यालय में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi Employment Guarantee Scheme) के कार्यों और योजनाओं की आयोजित समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे.

बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी रघुनाथ गावड़े, अपर कलेक्टर महेश पाटिल, डिप्टी कलेक्टर शाहूराज मोरे, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी अश्विनी भारुड, जिला वन संरक्षक सुरेश केवटे उपस्थित थे. जिला अधिकारी राजेंद्र भारूड़ ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत  हुए कार्यों की सराहना की और कहा कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष 67 करोड़ के बहुत शानदार तरीके से कार्यों को किया गया है.

इस वर्ष रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से विभिन्न योजनाओं को शुरू करने के लिए 120 करोड़ रुपये के लक्ष्य के साथ आवश्यक योजना बनाई जाएं. आदिवासी बहुल इलाकों से पलायन रोकने के लिए विशेष तौर पर प्रयास किया जाएं और आदिवासियों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं और उनकी आय के साधन बढ़ाने के लिए रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से प्रयास किये जाएं.

बागवानी पर दें विशेष ध्यान

जिलाधिकारी ने कृषि विभाग को बागवानी पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया है. जिसके चलते पलायन होने की संख्या में कमी होगी. कृषि विभाग कमर कस कर योजनाएं संचालित करे. किसानों को बागों की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाए. लंबित कार्य तत्काल पूरे किए जाएं.

ग्रामीणों को दें सड़क निर्माण का कार्य

जिलाधिकारी राजेंद्र भारूड़ ने धड़गांव तहसील क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इन इलाकों में ग्रामीणों को सड़कों के काम दिए जाएं. महाराष्ट्र के सबसे ठंडा स्थान तोरणमाल में स्थानीय आदिवासियों को रोजगार के साधन उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीणों के सहयोग से, वन विभाग स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करने वाली गतिविधियां शुरू करें. इसी प्रकार से पर्यावरण करेक्शन करने के लिए वन विभाग द्वारा विभिन्न योजनाएं शुरू कर हरित क्रांति लाने की दिशा में वन आवरण बढ़ाने के लिए नर्सरी और पेड़ लगाने पर जोर दिए जाने के निर्देश वन विभाग को डीएम ने जारी किए हैं. उन्होंने अधिक रोजगार प्रदान करने के लिए मनरेगा के तहत और काम शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं.

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत इस वर्ष के लिए 30.14 लाख मानव दिवस का लक्ष्य रखा गया है और 23.74 लाख हासिल किए गए हैं. 119.65 करोड़ रुपये में से 64 लाख रुपये के कार्य पूरे हो चुके हैं. वर्तमान में 1676 कार्य प्रगति पर हैं और 7917 मजदूर मौजूद हैं. समूह विकास अधिकारी  घर कुल आवास योजना के काम पर विशेष ध्यान दें.  कार्यों की जियो टैगिंग किया जाए. अन्य प्रणालियां भी काम में तेजी लाएं और तकनीकी त्रुटियों को खत्म कर काम का निपटारा कराएं.

-रघुनाथ  गावडे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी