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प्रस्तावित डेटा सेंटर नीति से प्रदेश में 20000 करोड़ के निवेश और 250 मेगावाट के डेटा सेंटर उद्योग के विकास की योजना।

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– राजेश मिश्र

लखनऊ: अगस्त 2020 में अधिसूचित नई स्टार्टअप नीति (Startup Policy) के सहारे उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) पूरे प्रदेश में नए स्टार्टअप और इनक्यूबेशन सेंटर (Startup and Incubation Center) को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहन देने की योजना पर अमल करने जा रही है। इसके तहत प्रत्येक जिले में कम से कम एक और कुल मिलाकर 100 इनक्यूबेटरों की स्थापना की जाएगी और 3 नए स्टार्टअप “सेंटर फॉर एक्सीलेंस” सेंटर (Center for Excellence) बनाए जाएंगे।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma) के अनुसार उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में विभिन्न सेक्टरों के लिए एक सौ इनक्यूबेटर्स तथा तीन स्टेट ऑफ आर्ट “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस” स्थापित करने जा रही है। साथ ही नई डेटा सेंटर नीति भी प्रस्तावित है जिसके द्वारा प्रदेश में 250 मेगावाट के डेटा सेंटर उद्योग (Data Center Industry) का विकास किया जायेगा तथा कुल 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश के साथ तीन निजी डेटा सेंटर पार्क की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।

उम्मीद जताई जा रही है कि, इस नई नीति से 50,000 प्रत्यक्ष रोजगार सहित करीब डेढ़ लाख रोजगार और स्वरोजगार के अवसरों का सृजन होगा। इसके लिए प्रदेश का सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग नए स्टार्टअप और एमएसएमई के वेंचर कैपिटल फंडिंग में मदद के लिए सिडबी यानी भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। अभी तक आईटी नीति 2017 के तहत ही स्टार्टअप लगाए जाते थे लेकिन अब आईटी इलेक्ट्रॉनिक के साथ-साथ किसी भी क्षेत्र मसलन कृषि, फॉर्म, चिकित्सा, ऊर्जा, खादी तथा ग्रामोद्योग आदि में भी अपना स्टार्ट-अप उद्यमी लगा पाएंगे।

सरकार का लक्ष्य नए व्यापारिक विचारों का पोषण करते हुए पूरे प्रदेश में 10000 स्टार्टअप लगाने के साथ ही प्रदेश को भारत सरकार की स्टार्टअप रैंकिंग में देश के टॉप-3 में स्थान दिलाना भी है। लखनऊ में देश का सबसे बड़ा इनक्यूबेशन सेंटर खोला जा रहा है जिसे वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) से भी जोड़ा जाएगा।

नई नीति में आर्थिक रूप से अपेक्षाकृत कम विकसित बुंदेलखंड और पूर्वांचल जैसे इलाकों में डेटा सेंटर की स्थापना की प्रोत्साहन देने के लिए अतिरिक्त छूट देने का भी वादा किया गया है जिसके अंतर्गत पूँजी तथा ब्याज उपादान और भूमि के क्रय पट्टे पर लगने वाली स्टैम्प ड्यूटी में राहत दी जायेगी।

एमएसएमई के साथ इनक्यूबेशन सेंटर भी बनाए जाएंगे ताकि ओडीओपी की अवधारणा को उद्यमिता में बदला जा सके और प्रदेश के युवा रोजगार आकांक्षी की जगह रोजगार प्रदाता बन सके।