HEMANT RASNE

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    पुणे. वर्तमान में कोरोना मरीजों (Corona Patients) की संख्या कम नहीं रही है, बल्कि दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। 1 अप्रैल से पुणे शहर (Pune City) में इस महामारी के नियंत्रण के लिए  नागरिकों के लिए लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा की गई है। इससे पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation)का खर्चा बढ़ रहा है। जारी माह में इसके खर्चा के लिए करीब 25 करोड़ की आवश्यकता है। यह निधि उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन द्वारा स्थायी समिति (Standing Committee) के समक्ष प्रस्ताव रखा गया था। उसे समिति ने मंजूरी दी है। ऐसी जानकारी समिति के अध्यक्ष हेमंत रासने (Hemant Rasne) ने दी। 

    शहर में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के साथ बड़ी संख्या में नए संक्रमित मरीज देखे जा रहे हैं। नतीजतन, बेड की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले रोगियों की संख्या सबसे अधिक है।  इसलिए शहर में निजी अस्पतालों के बेड के साथ-साथ महानगरपालिका  के माध्यम से अधिकतम बेड उपलब्ध कराया जा रहा है।  तदनुसार, जंबो में अब 520 ऑक्सीजन बेड, 120 एचडीयू-आईसीयू बेड और 40 वेंटिलेटर हैं। तो 20 साधारण बेड्स  हैं। इसके साथ ही मनपा के विभिन्न अस्पतालों में सीसीसी सेंटर में कई निधि की आवश्यकता है। इस वजह से समिति के समक्ष प्रस्ताव रखा गया था। 

    कई खर्चे करने है 

    प्रस्ताव के अनुसार, चिकित्सा उपचार के उपकरण,  नागरिकों को मास्क की खरीद, भोजन का प्रावधान और अन्य सभी आवश्यक सेवाएं / सुविधाएं,  अस्पतालों में विभिन्न विद्युत कार्य करने के लिए, अस्पतालों के लिए विभिन्न मशीनरी / उपकरण खरीदने के लिए, फर्नीचर की खरीद / निर्माण, नए अस्पताल का निर्माण, पोर्टेबल शौचालय और बाथरूम का प्रावधान और संबंधित कार्य करना, परिवहन और संबंधित खर्चों के साथ-साथ पुणे में जंबो की स्थापना करना अस्पताल का खर्च आदि लगभग  25 करोड़ प्रावधान की आवश्यकता है। यह निधि आवंटन के माध्यम से उपलब्ध कराया जा सकता है। प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज के लिए प्रावधान 146 करोड़ में से 10 करोड़,  नदी कायाकल्प परियोजनाओं 105 करोड़ में से  5 करोड़ और  इलेक्ट्रॉनिक बस (जीसीसी मॉडल) / खरीदें / पीपीपी आदि पर बसों का प्रावधान स्वीकृत प्रावधान  35 करोड़ रुपए में से, 10 करोड़ रुपए ऐसे कुल 25 करोड़ रुपए की  राशि उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके अनुसार स्थायी समिति ने इसे मंजूरी दी है।