अमरावती. म्यूकर माइकोसिस (ब्लैक फंगस) के इलाज के लिए जिला सरकारी अस्पताल (इर्विन) में अलग से वार्ड और 40 बेड की व्यवस्था की गई है. शनिवार को कलेक्टर शैलेश नवाल ने यहां दौर कर सुविधाओं का निरीक्षण किया. कोरोना से ठीक होने के बाद की अवधि में अधिक देखभाल की जानी चाहिए. तद्नुसार स्वस्थ होने के बाद घर लौट रहे मरीजों को पोस्ट कोविड देखभाल को लेकर मार्गदर्शन दिया जाए और उसके बाद भी उनसे नियमित संपर्क एवं समन्वय बनाए रखने के निर्देश नवाल ने इस समय दिए.
ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली सुसज्ज करें
जिलाधीश ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर और म्यूकर माइकोसिस की रोकथाम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य प्रणाली को सुसज्ज करने के निर्देश दिए. वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उप जिला अस्पतालों और ग्रामीण अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे.
जिसमें जिला सर्जन डा. श्यामसुंदर निकम सहित स्वास्थ्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे. उन्होंने कहा कि उप-जिला अस्पतालों और ग्रामीण अस्पतालों को मरीजों को बेहतर इलाज के लिए सुसज्जित किया जाए. इसके लिए आवश्यक सभी आवश्यक उपकरणों के लिए तत्काल प्रस्ताव प्रस्तुत किए जाएं.
डायलिसिस सेंटर की आवश्यकता
अमरावती शहर से दूर गांवों के अस्पतालों में डायलिसिस सेंटर स्थापित करना आवश्यक है. इस संबंध में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर सभी आवश्यक सामग्री, मैनपावर आदि को ध्यान में रखते हुए पूर्ण प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश नवाल ने दिये. महात्मा ज्योतिराव फुले जीवनदायी स्वास्थ्य योजना के तहत मरीजों को मुफ्त इलाज मिलना चाहिए. तद्नुसार उन्होंने इस योजना के अधिकाधिक रोगियों को लाभान्वित करने के लिए कार्रवाई के भी निर्देश उन्होंने दिए.