नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच बॉर्डर (India-China Border Tension) पर जारी तनाव खत्म नहीं हुआ है। इस मसले पर रह-रहकर बयानबाजी होती रहती है। चीन और भारत के बीच कई बार कमांडर स्तर की बातचीत हुई है लेकिन मामले का समाधान नहीं निकल सका है। इसी बीच एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने चीन को दो टुक शब्दों में जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि सीमाओं की पवित्रता को हम कतई भंग नही होने दें। साथ ही वे बोले कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का मॉडल भारत में ध्वस्त हो रहा है।
दिल्ली में स्वर्गीय बलरामजी दास टंडन व्याख्यानमाला के अंतर्गत ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ विषय पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर में बचा हुआ आतंकवाद भी समाप्त होकर रहेगा। यह विश्वास इसलिए है क्योंकि धारा 370, 35A के चलते अलगाववादी ताकतों को जो ताकत मिलती थी वह खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का मॉडल भारत में ध्वस्त हो रहा है। हाल के कुछ वर्षों में उन्होंने सीमा पर सीज़फायर उल्लंघन बढ़ा दिए थे। सुरक्षाबलों से उन्हें हमेशा मुंहतोड़ जवाब मिला। पाकिस्तान को समझ आने लगा है कि सीज़फायर उल्लंघन से भी उनको कोई खास लाभ नहीं मिलने वाला है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया-
मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हम भारत की सीमा, उसके सम्मान और स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगे। सीमाओं की पवित्रता को हम कतई भंग नही होने देंगे: रक्षा मंत्री
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 30, 2021
रक्षा मंत्री ने कहा कि पड़ोस के अफगानिस्तान में जो कुछ भी घटित हो रहा है वह सुरक्षा की दृष्टि से नये सवाल खड़े कर रहा है। वहां के हालात पर हमारी सरकार लगातार नजर बनाये हुए है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी के नेतृत्व में सरकार ने सेनाओं को यह स्पष्ट बता रखा है कि LAC पर किसी भी एकतरफा कार्रवाई को नजरअंदाज नही किया जाना चाहिए। गलवान में उस दिन भारतीय सेना ने यही किया और पूरी बहादुरी से PLA के सैनिकों का मुकाबला करते हुए उन्हें पीछे जाने पर मजबूर किया।
सिंह ने कहा कि मैं आप सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में हम भारत की सीमा, उसके सम्मान और स्वाभिमान से समझौता नहीं करेंगे। सीमाओं की पवित्रता को हम कतई भंग नही होने देंगे। उन्होंने कहा कि गलवान की घटना को एक वर्ष बीत चुका है मगर जिस शौर्य, पराक्रम और साथ में संयम का परिचय भारतीय सेना ने दिया है वह अतुलनीय है और आने वाली पीढ़ियां भी उन जांबाज सैनिकों पर गर्व करेंगी।