नई दिल्ली: हम सब के लिए एक मिसाल बनी कर्नाटक की 72 वर्षीय आदिवासी महिला तुलसी गौड़ा (Tulsi Gowda)। इन्हे पर्यावरण की सुरक्षा (Protection of Environment) में उनके योगदान के लिए पद्मश्री (Padma Shri) से सम्मानित किया गया। इस अनमोल क्षण पर तुलसी गौड़ा सादगी के साथ नंगे पांव और पारंपरिक कपड़े पहने नजर आयी। उन्हें नई दिल्ली में समारोह के दौरान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार मिला। आइये जानते है इस आदर्श महिला तुलसी गौड़ा के बारे में….
‘जंगलों की इनसाइक्लोपीडिया’
बता दें कि तुलसी गौड़ा कर्नाटक के हलक्की स्वदेशी जनजाति से ताल्लुक रखती है और एक गरीब और वंचित परिवार में पली-बढ़ी है। तुलसी गौड़ा ने कभी औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की है। लेकिन उनके सराहनीय कार्य की वजह से उन्हें आज ‘जंगलों की इनसाइक्लोपीडिया’ के नाम से जाना जाता है। यह नाम देने के पीछे यह वजह है की उन्हें पौधो और जड़ी बूटियों के कई प्रजातियों का बहुत ज्ञान है।
12 साल की उम्र से पर्यावरण संरक्षण
दरअसल तुलसी गौड़ा ने अपनी बाल्य अस्वथा यानि 12 साल के उम्र से ही कई सारे पेड़ लगाएं और उनका पालन-पोषण किया। इतना ही नहीं बल्कि तुलसी गौड़ा अस्थायी स्वयंसेवक के रूप में वनविभाग में शामिल भी हुई। वहां पर्यावरण के संरक्षण के लिए उनके सम,समर्पण और सराहनीय कार्य के लिए वहां उन्हें जाना गया। इसके बाद उन्हें वन विभाग में स्थायी नौकरी का ऑफर दिया गया।
72 साल की उम्र में भी पर्यावरण संरक्षण का कार्य जारी
आज तुलसी गौड़ा की उम्र 72 वर्ष है। इसके बावजूद वे अपने पथ पर निरंतर कार्य कर रही है। आज भी तुलसी पर्यावरण सरंक्षण के महत्व को बढ़ावा देने के लिए कई सारे पौधों का पोषण करती है और अपने अमूल्य ज्ञान को युवा पीढ़ी के साथ साझा करती है। </
‘Encyclopedia of forest’ Tulsi Gowda receives Padma Shri
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— ANI Digital (@ani_digital) November 9, 2021
राष्ट्रीय पुरस्कार की सूची
आपको बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। पद्म पुरस्कारों की 2021 की सूची में सात पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 102 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं, जिनमें से 29 पुरस्कार विजेता महिलाएं हैं और एक पुरस्कार विजेता एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति है।
72 साल की उम्र में भी तुलसी गौड़ा पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभा रहे है यह हम सबके लिए आदर्श है। ताकि हम भी पर्यावरण का महत्व समझे और प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन करें